बढ़ गया है स्ट्रेस तो इन चार योगासनों से मिलेगी राहत
इन योगासनों के जरिए स्ट्रेस की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं
इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में है. करीब-करीब हर गली और मोहल्ले में लोग कोरोना से जूझ रहे हैं. तमाम लोगों ने इस बीच अपनों को भी खोया है. कोविड की वजह से चारों तरफ फैली नकारात्मकता से लोगों के बीच इस महामारी को लेकर खौफ काफी बढ़ गया है. इसके कारण स्ट्रेस और डिप्रेशन के मामले भी काफी बढ़े हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो आप इन योगासनों के जरिए स्ट्रेस की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं.
1- ध्यान मुद्रा : सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें. दोनों हथेलियों को अपनी गोद में रखें. बाईं हथेली नीचे और और दायीं हथेली को उसके ऊपर रखें. हथेलियों को ऐसा आकार दें कि हथेलियों के बीच गड्ढा बन जाए और दोनों अंगूठों का आगे का हिस्सा आपस में एक दूसरे से स्पर्श हो रहा हो. इस मुद्रा में आंखें बंद करके कम से कम 10 मिनट बैठें और अधिक से अधिक अपनी क्षमतानुसार बैठ सकते हैं. ये अभ्यास रोज करने से मन शांत और स्थिर होता है.
2- हाकिनी मुद्रा : सुखासन में बैठकर अपनी पीठ को सीधा करें. अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों और अंगूठों के अग्रभागों को आपस में इस तरह मिलाएं कि हथेलियां आपस में न जुड़ पाएं. इस मुद्रा का अभ्यास आप एक बार में रोजाना 20 मिनट से लेकर 45 मिनट तक कर सकते हैं. इसे दिन में दो से तीन बार करें. ऐसा करने से दिमाग के दाएं और बाएं हिस्से के बीच संतुलन होता है. याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है. मन शांत होता है और स्ट्रेस कम होता है.
3- ज्ञान मुद्रा : सुखासन या पद्मासन में पीठ सीधी करके बैठें. अब तर्जनी यानी पहली उंगली के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से मिलाएं. शेष तीनों उंगलियों को सीधा व ढीला रखें. अब हाथों को अपने घुटनों पर इस तरह रखें कि हथेली वाला भाग ऊपर की ओर रहे. आंखें बंद करके इस मुद्रा में रोजाना 20 से 30 मिनट बैठें. इस अभ्यास को रोज करने से याददाश्त व एकाग्रता बढ़ती है. तनाव, अवसाद, चिंता, भय और अनिद्रा जैसे रोग दूर होते हैं.
4- अहम्कारा मुद्रा : तर्जनी उंगली को धीरे से मोड़कर उसके ऊपरी हिस्से पर बीचोंबीच अंगूठे का ऊपरी हिस्सा रखें. बाकी सभी उंगलियां सीधी रखें. इस मुद्रा का रोजाना अभ्यास करने से किसी भी प्रकार का भय कम होता है. आत्मविश्वास बढ़ता है और मन शांत होता है.