मैदान पर गेंद को अपनी उंगली पर नचाने वाले शेन वॉर्न की निजी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ ख़ास बातें
श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों में 26 विकेट लेकर अपने आलोचकों को करारा जवाब भी दिया।
दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए काला दिन साबित हुआ जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रॉड मार्श के देहांत के कुछ घंटों बाद ही लेजेंडरी स्पिनर शेन वॉर्न के निधन का समाचार मिला। उनकी मृत्यु 52 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुई। उनके इस अकस्मात् निधन से क्रिकेट जगत सकते में है और दुनियाभर के क्रिकेट खिलाड़ियों व प्रेमियों ने अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। शेन वॉर्न ने जनवरी 1992 में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की और 15 साल के लम्बे करियर में अपने नाम को क्रिकेट जगत का एक चमकता सितारा बनाया। चलिए जानते हैं शेन वॉर्न के क्रिकेट करियर और निजी ज़िन्दगी से जुड़ी ऐसी बातें जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
लगभग 100 किलो था उनका वज़न
1992 में खेले गये अपने पहले मैच के दौरान वे करीब 97 किलो के थे, और पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजों के सामने उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास भी नहीं रहा था। पर वर्ष 1993 उनके करियर को एक बेहतरीन शुरुआत देने वाला सीज़न बना। और आगे चलकर वे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 700 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी बने।
बॉल ऑफ़ द सेंचुरी
शेन वॉर्न ने 1993 के एशेज़ सीरीज़ के दौरान इंग्लैंड के माइक गेटिंग को अपनी करिश्माई गेंद से आउट किया था। इस बेहतरीन स्पिन गेंद से वे सुर्ख़ियों में आये और वॉर्न की इस गेंद को ही सदी की सर्वश्रेष्ठ गेंद (Ball of the century) का तमगा भी दिया गया।
दोनों आंखों का रंग था अलग
शेन वॉर्न अपनी गेंदबाजी के साथ साथ अपने लुक्स के कारण भी दर्शकों के पसंदीदा था। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि उनकी दोनों आँखों का रंग अलग अलग था। उनकी एक आँख नीले रंग की तो वहीं दूसरी आँख हरे रंग की थी। ऐसा हेटेरोक्रोमिया के कारण था।
विवादों से था रिश्ता
शेन वॉर्न का विवादों से भी काफी नाता रहा। 1998 में उनपर सट्टेबाजों को पिच की जानकारी देने का आरोप लगा जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने उनपर भारी फाइन भी लगाया था। इसके बाद 2003 में वर्ल्ड कप के दौरान डोपिंग टेस्ट के बाद एक बैन ड्रग का सेवन किये जाने के कारण उन्हें टीम से निकाला गया और उनपर एक साल का प्रतिबन्ध भी लगा। लेकिन प्रतिबन्ध के बाद वर्ष 2004 में उन्होंने शानदार वापसी की और श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों में 26 विकेट लेकर अपने आलोचकों को करारा जवाब भी दिया।