हमेशा अपशगुन नहीं होती है छींक... जानें इससे जुड़े कुछ बातें

शगुन और अपशगुन को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. छींक के बारे में भी कई धारणाएं हैं

Update: 2022-01-12 13:53 GMT

शगुन और अपशगुन को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. छींक के बारे में भी कई धारणाएं हैं. माना जाता है कि किसी शुभ काम के आरंभ में अगर कोई व्यक्ति छींक दे तो यह अपशगुन होता है. शगुन शास्त्र में छींक से जुड़े कुछ शगुन भी हैं. ऐसे में जानते हैं कि छींक कब-कब शगुन या अपशगुन साबित होता है.

शुभ शगुन भी होती है छींक
शगुन शास्त्र के मुताबिक यदि घर से किसी शुभ काम के लिए निकलते वक्त लगातार छींक आए तो यह शुभ शगुन होता है. वहीं यदि यात्रा के लिए निकलते वक्त दक्षिण या पश्चिम दिशा से किसी के छींकने की आवाज सुनाई दे तो भी शुभ मानना चाहिए. इसके अलावा अगर दवा लेते वक्त छींक जाए तो यह भी शुभ संकेत होता है. यह इस बात का संकेत है कि रोगी जल्द ठीक हो जाएगा. अगर पश्चिम या उत्तर दिशा से छींक सुनाई दे तो यह भी शुभ शगुन है. इसे धन प्राप्ति का संकेत माना माना गया है. वहीं अगर श्मशान घाट पर छींक आए तो इसे शुभ होता है.
ऐसे में छींक साबित होती है अपशगुन
यात्रा पर जाते वक्त यदि कोई छींक दे तो अपशगुन होता है. ऐसे में कुछ पल के लिए रुक जाना चाहिए. अगर यात्रा पर निकलते वक्त बाईं ओर खड़ा व्यक्ति छींक दे तो यात्रा नहीं करनी चाहिए. साथ ही यज्ञ, अनुष्ठान और विशेष पूजा-पाठ के दौरान छींक आना अपशगुन माना गया है. इसके अलावा उत्तर दिशा से किसी का छींकना अशुभ है. भोजन करते वक्त भी छींक आना अपशगुन का संकेत देता है.
न करें विचार
आमतैर पर यदि सर्दी-जुकाम होने पर छींक आने पर शगुन या अपशगुन का विचार नहीं किया जाता है. वहीं अगर सर्दी या जुकाम न रहे फिर भी छींक आए तो इसका विचार शगुन या अपशगुन के तौर पर किया जाता है.


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