Skin Care Tips : ग्लोइंग त्वचा के लिए इन आयुर्वेदिक हर्ब्‍स का इस्तेमाल करें

वर्चुअल माध्यम से जुड़े शिक्षा मंत्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत सम्मानित अवार्ड प्राप्त करने वाले आईआईटी के सभी पूर्व छात्र-छात्राओं को बधाई दी।

Update: 2021-11-03 09:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के दौरान आईआईटी ने काफी सराहनीय काम किया है। आईआईटी ने वेंटिलेटर, गणितीय मॉडल सूत्र से संक्रमण का आकलन और यूएवी की मदद से दवा व वैक्सीन को पहुंचा कर देश की काफी मदद की। ये बात आईआईटी के 62वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही।

वर्चुअल माध्यम से जुड़े शिक्षा मंत्री ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत सम्मानित अवार्ड प्राप्त करने वाले आईआईटी के सभी पूर्व छात्र-छात्राओं को बधाई दी। रेल मंत्री भी ऑनलाइन माध्यम से ही जुड़े। संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और बीओजी के चेयरमैन डॉ. राधाकृष्णन ने प्रसिद्ध एलुमनी अवार्ड वर्ष 1994 बैच के छात्र अश्विनी वैष्णव को दिया।
1969 में केमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने वाले जगजीत सिंह बिंद्रा को इंस्टीट्यूट फेलो 2020 से सम्मानित किया गया। रिटायर्ड आईपीएस कर्नल सिंह को सत्येंद्र के दुबे अवार्ड दिया गया। इस दौरान चंद्रकांता केसवन सेंटर और शिवानी सेंटर का भी उद्घाटन किया गया।
लैब में बिताया समय अब भी याद
रेल मंत्री ने कहा कि आईआईटी की लैब में देर रात तक बिताया समय अब तक याद है। सभी प्रोफेसर, खास तौर पर प्रो. सडगोपन बहुत याद आते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तकनीकी रूप से तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है।
इनको भी मिला सम्मान
इंस्टीट्यूट फेलो 2020- प्रो. गौतम विश्वास, प्रो. संतोष कुमार गुप्ता, प्रो. एके मजूमदार,
विशिष्ट एलुमनी अवार्ड- राकेश भार्गव, वर्तिका शुक्ला, हेमंत जालान, अश्विनी वैष्णव, मुकेश बंसल, सौरभ चंद्रा, राहुल गर्ग, प्रो. राजेश कुमार गुप्ता, प्रो. विजय विट्ठल, प्रो. अभय ललित देशपांडे, डॉ. देव जोनेजा।
विशिष्ट सर्विस अवार्ड - प्रदीप भार्गव, कुशाल सचेते
यंग एलुमनस अवार्ड- डॉ. प्रतीक जैन, वरुण खेतान
पुलिसिंग में सियासी दबाव खत्म करने और बदलाव की जरूरत
लोगों की सुरक्षा में लगी पुलिस को खुद खुलकर काम करने की जरूरत है। ब्रिटिश काल के बने नियमों में भी बदलाव होना चाहिए। पुलिस पर काफी सियासी दबाव रहता है जिसे दूर करने की जरूरत है। पुलिस विभाग में राजनेताओं के ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल को बंद करना होगा।
यह बात बाटला हाउस एनकाउंटर का नेतृत्व करने वाले पूर्व आईपीएस कर्नल सिंह ने कही। आईआईटी के स्थापना दिवस समारोह में आए संस्थान के पूर्व छात्र कर्नल सिंह ने वर्ष 1981 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया था। वह 40 साल बाद संस्थान आए थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना होगा। दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिद्दीन के नेटवर्क की कमर तोड़ दी थी। घटना के बाद जमकर राजनीति भी हुई थी। उन्होंने कहा कि थाने में अगर केस बढ़ते हैं तो उसे अपराध का बढ़ना मान लिया जाता है। हालांकि इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि पुलिस आमजन के लिए मुस्तैदी से काम कर रही है।

 
Tags:    

Similar News

-->