अस्थमा के मरीजों के लिए AC में बैठने से हो सकता है बड़ा खतरा, जानें

Update: 2024-04-08 18:20 GMT
गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर यानी एसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। घर से लेकर ऑफिस तक ज्यादातर समय एसी में बीतता है। हालांकि, अस्थमा के मरीजों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि एसी की हवा उनके लिए खतरनाक हो सकती है। आस-पास मौजूद धूल के कण इस हवा के साथ शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और परेशानी पैदा कर सकते हैं। ये कण सांस के जरिए फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं और दौरे का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और लापरवाही से बचना चाहिए.
अस्थमा रोगियों के लिए सावधानियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले सबसे पहले इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि एसी की ठीक से सफाई हुई है या नहीं। अगर एसी गंदा है तो उसके धूल कण हवा के साथ शरीर में पहुंचने का खतरा रहता है। इसलिए एसी की साफ-सफाई पर ध्यान दें। मौसम बदलते ही अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। दवाइयां समय पर लेनी चाहिए।
AC के धूल कणों से कैसे बचें?
1. एसी की उचित साफ-सफाई बनाए रखें।
2. एसी को साफ रखने के लिए उसके एयर फिल्टर को ठीक से साफ करें या बदल दें।
3. एसी का तापमान 25 डिग्री के आसपास रखें.
4. अगर आप नया एसी खरीदने जा रहे हैं तो एयर प्यूरीफायर वाला एसी ही खरीदें।
5. अगर अस्थमा के मरीज लंबे समय तक एसी में बैठे हैं तो मास्क पहनकर बैठें और अपना इनहेलर अपने पास रखें।
अस्थमा का कारण
अस्थमा एक खतरनाक बीमारी है. जिसमें श्वसन तंत्र में सूजन आ जाती है और फेफड़े भी संक्रमित हो जाते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. साथ ही सांस लेते समय घरघराहट की आवाज भी सुनाई देती है और लगातार खांसी की समस्या बनी रहती है। कुछ रोगियों को सूखी खांसी की समस्या होती है और नींद के दौरान खांसी अधिक होती है।
अस्थमा के मरीज क्या करें?
1. धूल, मिट्टी और धुएं के संपर्क में आने से बचें या पूरी सावधानी बरतें।
2. अस्थमा के मरीजों को बाहर निकलते समय मास्क पहनना नहीं भूलना चाहिए.
3. अपनी दवाइयां समय पर लें और अपने आहार का उचित ध्यान रखें।
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