इन बीमारियों से घटने लगता है प्लेटलेट्स
एनीमिया की बीमारी में अक्सर लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं
प्लेटलेट्स की कमी के बारे में आपने कई बार सुना होगा। ये लाल कोशिकाएं हैं जो हमारे रक्त के अंदर चलती हैं। दरअसल, प्लेटलेट्स बोन मैरो में बहुत बड़ी कोशिकाओं के टुकड़े होते हैं जिन्हें मेगाकारियोसाइट्स कहा जाता है। वे रक्त के थक्के को रोकते हैं और घावों को भरने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोलीटर होता है।
1. हेपेटाइटिस सी वायरस के कारण होता है
हेपेटाइटिस सी वायरल कम प्लेटलेट्स का एक प्रमुख कारण है। वास्तव में होता यह है कि शरीर थ्रोम्बोपोइटिन और एंडोथेलियल डिसफंक्शन का शिकार हो जाता है जिससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो जाता है। इससे प्लेटलेट्स नहीं बन पाते और प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। इससे लिवर फाइब्रोसिस और सिरोसिस भी हो सकता है।
2. जीवाणु रक्त संक्रमण रोग
अगर किसी के खून में बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो शरीर में प्लेटलेट्स की कमी अपने आप हो सकती है। ऐसे में मेगाकारियोसाइट्स की कमी हो जाती है और बोन मैरो इसका उत्पादन नहीं कर पाता है।
3. एनीमिया
एनीमिया की बीमारी में अक्सर लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं। क्या होता है कि इस स्थिति में शरीर पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं बना पाता है और इस दौरान लाल और सफेद कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें क्योंकि यह अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
4. ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोग
ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोग भी शरीर में प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकते हैं। इस स्थिति को मेडिकल टर्म में इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया भी कहा जाता है। इसमें शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र ही प्लेटलेट्स पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देता है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उनमें प्लेटलेट्स की कमी हमेशा बनी रहती है।