OMG! इस देश में आज भी शादी के लिए जरूरी है वर्जिनिटी टेस्ट, हुए फेल तो होता है ये...

हायमन चेक करने और टू-फिंगर टेस्ट करने की प्रक्रिया...

Update: 2021-01-12 12:47 GMT

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हाल ही में पाकिस्तान की एक अदालत ने बलात्कार पीड़ितों के वर्जिनिटी टेस्ट (कौमार्य जांच) को बंद करने का फैसला सुनाया है. पंजाब प्रांत में लाहौर हाई कोर्ट की जज आयशा मलिक ने कहा था कि ये टेस्ट अपमानजनक है और इनसे कोई फॉरेंसिक मदद नहीं मिलती है. इस फैसले के बाद हायमन चेक करने और टू-फिंगर टेस्ट करने की प्रक्रिया खत्म कर दी जाएगी.

हालांकि आज भी कई देश ऐसे हैं जहां महिलाओं की सेक्शुएलिटी और वर्जिनिटी को लेकर बेहद कड़े कानून हैं. इन देशों की लिस्ट में मोरक्को का नाम भी शामिल है. मोरक्को के पीनल कोड के हिसाब से शादी के बाहर सेक्स गैर-कानूनी है और यहां शादी से पहले महिलाओं को वर्जिनिटी टेस्ट कराना होता है और इस टेस्ट में 'पास' ना होने पर पुरूष शादी कैंसिल भी करा सकते हैं.
साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन, ह्यूमन राइट्स काउंसिल और यूनाइटेड नेशन्स वीमेन ने इन सर्टीफिकेट्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी क्योंकि ये सर्टीफिकेट्स महिलाओं के खिलाफ लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं और इससे महिलाओं के खिलाफ हिंसा में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
मोरक्को के कई सोशियोलॉजिस्ट्स, साइकोलॉजिस्ट्स, डॉक्टर्स और वकीलों ने साल 2018 में ही मोरक्को की मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ को लिखा था कि ये वर्जीनिटी सर्टिफिकेट्स यंग महिलाओं के दिमाग पर गहरा असर डालते हैं और इन पर रोक लगनी चाहिए. हालांकि इसके बावजूद इस देश में इन सर्टिफिकेट्स का चलन बदस्तूर जारी है.
फ्रांस के शहर पेरिस में रह रहीं मोरक्को की लेखिका लीला स्लीमानी ने अपनी किताब सेक्स एंड लाइज में यंग महिलाओं द्वारा झेली जानी वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से लिखा था. इस किताब के एक अंश में वे लिखती हैं कि जब मैं एक टीनेजर थी तो मुझे एहसास हुआ कि मेरी वर्जिनिटी एक पर्सनल मुद्दा ना होकर एक सामाजिक मुद्दा है. सोसाइटी इसे कंट्रोल करना चाहती है और मोरक्को के लोग वर्जिनिटी को लेकर बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं. यूरोप की तुलना में मोरक्को की जिंदगी किसी भी महिला के लिए बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण है और इस इस्लामिक देश के कल्चर में प्रोग्रेसिव देशों जैसी आजादी महसूस करना नामुमकिन है.

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