भगवान कृष्ण को जन्माष्टमी पर लगाएं इस पारंपरिक पंजीरी का भोग, जानें सिंपल रेसिपी
जानें सिंपल रेसिपी
भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से सेलिब्रेट की जाती है. कान्हा के स्वागत के लिए इस दिन झांकी सजाने से लेकर कई तरह से खास व्यंजन बनाए जाते हैं. वहीं रात को कृष्ण जन्म के बाद पारंपारिक तौर पर पंजीरी का भोग जरूर लगाया जाता है और इसी प्रसाद से व्रत खोला जाता है. धनिया, मेवा और घी की बनी पंजीरी का स्वाद खाने में तो अच्छा होता ही है साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. सिंपल स्टेप्स में धनिया की पंजीरी तैयार की जा सकती है.
धनिया की पंजीरी बनाने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है. लेकिन अच्छी कंसिस्टेंसी और स्वाद के लिए इस बनाते वक्त हर एक स्टेप को सही से फॉलो करना जरूरी होती है. तो चलिए जानते हैं स्टेप बाय स्टेप धनिया की पंजीरी बनाने के रेसिपी.
पंजीरी बनाने के लिए इनग्रेडिएंट्स
सूखा धनिया पाउडर तकरीबन 100 ग्राम (घर पर पिसा हुआ)
मिश्री पिसी हुई (मिठास के लिए) स्वादानुसार
ड्राई फ्रूट्स जैसे कटा गोला, बादाम, काजू, मखाने, चिरौंजी आदि
8 से 10 हरी इलायची (पिसी हुई)
खसखस (पोस्ता) करीब 50 ग्राम
देसी घी
धनिया पंजीरी बनाने की रेसिपी, स्टेप 1
मेवा को छोटे टुकड़ों में काट लें और एक पैन में दो छोटे चम्मच देसी घी डालकर मध्यम आंच हर हल्का रोस्ट कर लें और एक थाली में मेवा निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें.
स्टेप 2
अब पेन में खसखस डालकर कलछी से चलाते हुए भून लें और इसे भी अलग निकाल लें. इसके बाद पेन में फिर से देसी घी डालें और धनिया पाउडर को डालकर लगातार चलाते हुए खुशबू आने तक रोस्ट करें. इसे भी कुछ देर ठंडा होने के लिए छोड़ दें.
स्टेप 3
भुने धनिया पाउडर में पोस्ता (खसखस), मेवा, को अच्छी तरह से मिला दें और लास्ट में पिसी हुई मिश्री भी और इलायची पाउडर को अच्छी तरह से मिक्स करें. इस पंजीरी का भोग लगाने के बाद एयर टाइट डिब्बे में बंद करके स्टोर कर सकती हैं. ये आराम से एक हफ्ते से लेकर पंद्रह दिन तक खराब नहीं होती है. आप चाहें तो इस पंजीरी में मावा मिलाकर लड्डू भी बना सकती हैं.