यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने की वजह से होती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को प्यास अधिक लगती है, चीजें धुंधली लगती है, बार-बार पेशाब की समस्या होती है। इसके अलावा, वजन घटना, थकान, जख्म भरने में परेशानी भी होती है। यह एक लाइलाज बीमारी है। एक बार लग जाने के बाद ज़िंदगीभर साथ रहती है। इस बीमारी में बढ़ते शुगर को केवल कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए खानपान और रहन सहन पर विशेष ध्यान दें। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो डाइट में मिलेट राइस जरूर शामिल करें। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि मिलेट राइस के सेवन से बढ़ते वजन और शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
शुगर कंट्रोल करने में सहायक
मिलेट राइस में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। इसके लिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। फाइबर युक्त चीजों के सेवन से ब्लड शुगर कांस्टेंट रहता है। वहीं, ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी को रोकने में सहायक होता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीज डाइट में मिलेट राइस को जरूर शामिल करें।
मिलेट राइस
मिलेट राइस सेहत के लिए वरदान साबित होता है। इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव में फायदेमंद होते हैं। इसमें आवश्यक पोषक तत्व प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। ये आवश्यक पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है। साथ ही पेट भी देर तक भरा रहता है।