Lungs Problem: फेफड़ों की बीमारियों का जोखिम दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और फेफड़ों का कैंसर इस महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित करने वाली सबसे प्रमुख समस्याएं हैं। आंकड़े बताते हैं, हर साल लाखों लोगों की मौत फेफड़ों की बीमारियों के कारण हो जाती है। कुछ आदतें तो ऐसी हैं जो फेफड़ों में जहर भरने जैसी मानी जाती हैं।
फेफड़ों की सेहत को लेकर बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं हमारे फेफड़े एक जटिल प्रणाली का हिस्सा हैं, जो ऑक्सीजन लाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने के लिए हर दिन हजारों बार फैलते और सिकुड़ते हैं। फेफड़ों की बीमारी तब हो सकती है जब इस प्रणाली के किसी भी हिस्से में समस्या हो जाए। फेफड़े की बीमारियां दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को इस अंग को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
आइए उन आदतों के बारे में जानते हैं जिन्हें फेफड़ों के लिए जहर के जैसा माना जाता है।
धूम्रपान भर रहा है फेफड़ों में जहर
अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर और सीओपीडी जैसी गंभीर जानलेवा बीमारियों के लिए धूम्रपान प्रमुख कारक है। अस्थमा से पीड़ित लोगों में धूम्रपान की आदत अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकती है या उन्हें बदतर बना सकती है। सिगरेट आपके फेफड़े के ऊतकों को प्रभावित करते हैं जिससे फेफड़ों की सामान्य कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है
प्रदूषकों से रहें सावधान
धूम्रपान की ही तरह प्रदूषण वाली जगहों पर रहना भी सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है। इनडोर और आउटडोर प्रदूषक फेफड़ों की बीमारी का कारण बन सकते हैं।
फेफड़ों की समस्याओं के लिए कई जोखिम कारक हैं जिनपर ध्यान देना और बचाव के लिए उपाय करते रहना जरूरी है।
अधिक वजन या मोटापा होना।
फेफड़ों की समस्याओं का पारिवारिक इतिहास होना।
गंभीर वायरल श्वसन संक्रमण और एलर्जी का जोखिम