Lifestyle: टूटते-झड़ते बालों से हैं परेशान, फॉलो करें यह टिप्स
"मिलेंगे लम्बे और घने बाल"
लाइफस्टाइल: बालों का झड़ना एक समय के बाद हमें गंजेपन की दहलीज पर लाकर खड़ा कर देता है। और वहीं से शुरू होती है, हमारी जद्दोजहद। कभी हम अपनी बाकी बची जुल्फों से बीच-बीच से झांकती अपनी स्कैल्प को छिपाते हैं, तो कभी हेयर एक्सटेंशन का सहारा लेते हैं। कभी शैंपू बदलते हैं, तो कभी घरेलू नुस्खों को आजमाते हैं। पर, नतीजा बढ़ती फिक्र, घटता आत्मविश्वास। क्या आप या आपका कोई अपना भी इस समस्या से दो-चार हो रहा है? अगर हां, तो समस्या को पहचानने के बाद, उसके कारण और फिर उसके निवारण पर काम शुरू कर दीजिए।
जानें मूल कारण
बालों का झड़ना और गंजेपन के पीछे कई कारण होते हैं। इस बाबत त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित बांगिया कहते हैं कि गंजेपन का एक कारण एलोपेसिया एरीटा भी हो सकता है, जिसमें बाल अचानक से गिरने लगते हैं और एक या उससे ज्यादा हिस्से में गोल आकार में गंजापन शुरू होता है। इसके अलावा पोषण की कमी, बालों की जड़ों का संक्रमण, थायरॉइड, मेनोपॉज, हाइपोथायरॉडिज्म, हार्मोनल बदलाव सरीखे ढेरों कारण हंै। बकौल डॉ. अमित, 90 फीसदी पुरुषों में बालों का झड़ना हार्मोनल होता है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में गंजेपन का कारण बनता है। एक अध्ययन के अनुसार टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों ही हार्मोन बालों के विकास में बाधा डाल सकते हैं। एस्ट्रोजन महिलाओं में बाल गिरने की समस्या बढ़ा सकता है। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान काफी बाल गिरते हैं।
मुमकिन है समाधान
जब समस्या है, तो उसका समाधान भी है। हालांकि आपके बालों का दोबारा बढ़ना कई चीजों पर निर्भर करता है, जिसमें बालों के गायब होने के कारण, बाल झड़ने की अवधि, स्कैप्ल की सेहत, आपके पोषण और सेहत आदि शामिल हैं। समय रहते समस्या को समझकर उसके मुताबिक समाधान पर काम शुरू कर लेना समझदारी भरा काम होगा। जरूरी होने पर चिकित्सकीय परामर्श भी लें।
मालिश आएगी काम
मालिश आपकी समस्या का समाधान हो सकती है। स्कैल्प की मालिश बालों के रोमों को पोषण, ऑक्सीजन देने के साथ ही रक्तसंचार को भी दुरुस्त करती है। एक अध्ययन में देखा गया कि मालिश शुरू करने के 24 हफ्तों बाद बालों की मोटाई पर फर्क पड़ता है। आप नारियल या अरंडी के तेल से पांच से दस मिनट हल्के हाथों की मालिश कर सकती हैं। तेज रगड़ से बचें। तेज घर्षण बालों के टूटने का कारण बन सकता है।
कॉलेजन बेस उत्पादों का प्रयोग
उत्पादों का प्रयोग करते वक्त उसमें इस्तेमाल होने वाले तत्वों को जांचना तो बनता है। शैम्पू, कंडीशनर, हेयर सीरम लेते वक्त गौर करें कि उनमें कॉलेजन मौजूद हो।
पोषण से समझौता नहीं
डॉ. अमित कहते हैं कि आपका खानपान भी समस्या को कम करने में भूमिका अदा करता है। अपनी खुराक में विटामिन -ए को शामिल कीजिए। ये सीबम का निर्माण करता है, जो बालों को नमी देती है। इसके लिए आप शंकरकंद, गाजर, कद्दू, पालक, दूध, अंडा, दही, कॉड लीवर ऑयल आदि का सेवन कर सकती हैं। विटामिन- बी भी आपके लिए जरूरी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने का काम करता है, जो हमारी स्कैल्प को पोषण देने का काम करती है। इसके लिए साबुत अनाज, बादाम, मीट, सी फूड, हरी पत्ते वाले सब्जियों आदि जरूरी हैं। विटामिन-सी कॉलेजन का निर्माण करता है। इसके लिए स्ट्रॉबेरी, काली मिर्च, खट्टे फलों को अपनी खुराक में शामिल कीजिए। इसके बाद बारी आती है, विटामिन-डी की। इसकी कमी से एलोपेसिया हो सकता है। फैटी फिश, कॉड लीवर ऑयल, मशरूम, फॉर्टीफाइड फूड और सूरज की रोशनी से यह हमें मिल सकता है। बालों के लिए विटामिन-ई- भी जरूरी है। यह एंटीऑक्सीडेंट तनाव को कम करने काम करता है। इसके लिए सूरजमुखी के बीज, बादाम, पालक, एवाकाडो अच्छे रहेंगे। कॉपर की कमी को दूर करने के लिए तिल, सूरजमुखी के बीज, तिल, बादाम, डार्क चॉकलेट,काजू, किशमिश, मशरूम, हरी पत्ते वाली सब्जियां आदि का सेवन नियमित रूप से करें।आयरन को भी अपनी खुराक में शामिल करें। बाल प्रोटीन से ही बनते हैं, लिहाजा इसकी कमी से बचिए। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जरूर खाएं।
आजमाएं ये भी
एक अध्ययन बताता है कि रोजमेरी तेल में एंटी-इफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं, जो कि स्कैल्प में रक्तसंचार को बेहतर बनाता है। लिहाजा, रोजमेरी तेल की कुछ बूंदें समस्या वाली जगह पर लगाकर आप अपनी समस्या को कम करने की ओर कदम बढ़ा सकती हैं।
तनाव भी आपकी समस्या का कारण हो सकता है। लिहाजा, इसे नियंत्रित करने के लिए योग, प्राणायाम, व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। साथ ही भरपूर नींद भी लें।
बालों की जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले हाइजीन पर काम शुरू कीजिए। स्कैल्प से जमाव हटने पर रोम छिद्र खुलने से बालों के बढ़ने में मदद मिलेगी।