जानें धूम्रपान से महिलाओं को होने वाले 5 स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में.....

बहुत सारे लाेगों के लिए स्मोकिंग करना कूल और ट्रेंडी दिखने का तरीका हो सकता है।

Update: 2022-10-25 10:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    बहुत सारे लाेगों के लिए स्मोकिंग करना कूल और ट्रेंडी दिखने का तरीका हो सकता है। कुछ लोग शौकियां, तो कुछ पियर प्रेशर में स्मोकिंग करना शुरू कर देते हैं। इनमें हर उम्र और हर वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। सिगरेट के डिब्बी पर चेतावनी वाले विज्ञापनों के बावजूद युवाओं में स्मोकिंग की लत बढ़ रही है। और ये सभी के लिए घातक है। एक्टिव और पेसिव दोनों तरह की स्मोकिंग सेहत को नुकसान पहुंचाती है। 

सभी के लिए नुकसानदेह है तंबाकू
तंबाकू में मौजूद निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड न केवल आपके लंग्स को बल्कि आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। साथ ही धूम्रपान करने की आदत का प्रभाव शरीर पर लंबे समय तक बना रहता है। ऐसे में कुछ समस्याएं जल्दी नजर आती है, तो कुछ काफी समय के बाद।
रिसर्च मानते हैं कि तंबाकू का प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं की सेहत पर ज्यादा गंभीर रूप से पड़ता है। इसलिए धूम्रपान से जितना हो सके उतना परहेज करने की कोशिश करें। तो चलिए जानते हैं तंबाकू में मौजूद निकोटीन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में।
यहां जानें धूम्रपान से महिलाओं को होने वाले 5 स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में
1. इनफर्टिलिटी और अर्ली मेनोपॉज
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में आमतौर पर कई तरह के रिप्रोडक्टिव इश्यू देखने को मिलते हैं। जैसे कि बॉडी में एस्ट्रोजेन लेवल का कम होना। इसके कारण मूड स्विंग, थकान और वेजाइनल ड्राइनेस जैसी समस्या होती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा धूम्रपान और महिलाओं की सेहत को लेकर किए गए एक अध्ययन के अनुसार स्मोकिंग करने से कम उम्र में ही मेनोपॉज हो सकता है। इसके साथ ही अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स के दौरान सामान्य रूप से अधिक पेट दर्द का अनुभव होता है। साथ ही आगे चलकर कंसीव करने में भी समस्या हो सकती है।
2. हार्ट हेल्थ होती है प्रभावित
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा धूम्रपान पर किये गए एक स्टडी के मुताबिक अन्य महिलाओं की तुलना में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
वहीं पुरुषों की तुलना में 35 वर्ष से अधिक उम्र की स्मोकिंग करने वाली महिलाओं के हार्ट डिजीज से मृत्यु होने की संभावना ज्यादा होती है। स्मोकिंग की आदत दिल से शरीर तक ब्लड कैरी करने वाले ब्लड वेसल्स को कमजोर कर देती है। जिस वजह से हार्ट स्ट्रोक आने की संभावना भी बनी रहती है।
3. अर्ली एजिंग
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में समय से पहले एजिंग की समस्या देखने को मिलती है। जैसे कि रिंकल्स, फाइनलाइन इत्यादि नजर आना शुरू हो जाते हैं। निकोटीन ब्लड वेसल्स को संकीर्ण कर देता है। जिस वजह से त्वचा के सेल्स तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, ब्लड और जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। वहीं निकोटीन ओवरी तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचने देता जिस वजह से समय से पहले मेनोपॉज की स्थिति पैदा हो सकती है।
4. सांस से जुड़ी समस्याएं
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को अक्सर सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके साथ ही उनमे सीओपीडी (chronic obstructive pulmonary disease) होने की संभावना बनी रहती है और समय के साथ यह और ज्यादा गंभीर होती जाती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सीओपीडी होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं रिसर्च की मानें तो हर साल इस बीमारी से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु होती है।
5. आंखों की रोशनी होती है कमजोर
स्मोकिंग की आदत आपके आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करती है। यह ग्लूकोमा, मैकुलर डीजेनरेशन और कैटरैक्ट जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए स्मोकिंग की आदत को नियंत्रित रखें।

न्यूज़ क्रेडिट: healthshots

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