असफलता का कारण बन सकती हैं एकाग्रता में कमी, इस तरह करें बच्चे को तैयार
इस तरह करें बच्चे को तैयार
किसी भी काम को करने के लिए एकाग्र होना बहुत जरूरी होता हैं, खासतौर से बच्चों में इस एकाग्रता का अभाव देखने को मिलता हैं। जिन बच्चों में एकाग्रता नहीं होती वे बच्चे पढ़ाई हो या फिर अन्य क्षेत्र, अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। बच्चों का मन काफी चंचल होता है, वहीं आजकल तकनीक के दौर में टीवी और मोबाइल जैसे डिवाइस बच्चों के मन को और भी चंचल बना रहे हैं। लेकिन छोटी उम्र में बच्चों का दिमाग ग्रो कर रहा होता है, ऐसे में यदि आप बचपन से ही उनके फोकस को बनाए रखने की कोशिश करेंगे तो वह आगे चलकर सभी कार्य को पूरी एकाग्रता के साथ करेंगे। आप अपने बच्चे को इंटरेस्टिंग एक्टिविटी के माध्यम से चीजों को कंसंट्रेट करना सिखा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से बच्चों को कंसंट्रेट करना सिखा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
टाइम टेबल सेट करें
आमतौर पर बॉडी अपने तय समय पर ही एक्टिव होती है। ऐसे में आप बच्चों के पढ़ने का समय निर्धारित करके उनकी बॉडी का टाइम टेबल सेट कर सकते हैं। बता दें कि हर रोज एक ही समय पर पढ़ने से बच्चों की एकाग्रता अपने आप बढ़ने लगेगी और उस समय पर बच्चों का दिमाग पढ़ने के लिए खुद ब खुद एक्टिव हो जाएगा।
टंग ट्विस्टर की ले मदद
आप बच्चे के साथ टंग ट्विस्टर गेम खेलें। पहले आप टंग ट्विस्टर बोलें और फिर बच्चे को ऐसा करने को कहें। जैसा ‘कच्चा पापड़, पक्का पापड़' या, ‘चंदू के चाचा ने चंदू की चाची को चांदनी रात में चांदी की चम्मच से चटनी चटाई। 'टंग ट्विस्टर बहुत तेजी से कहना होता है। गलतियां होंगी, तो उसे सुधारने के लिए आपका बच्चा शब्दों पर ध्यान लगाएगा और इस तरह उसकी एकाग्रता बढ़ेगी।
पजल्स सॉल्व करने दें
पजल्स सॉल्व करने से बच्चे मानसिक रूप से एक्टिव रखते हैं। ये गतिविधि उनके दिमाग को व्यस्त रखती हैं, आपके मस्तिष्क को आकार में रखने में मदद करती हैं। ये मेमोरी तेज कर सकती हैं। साथ ही बच्चों के दिमगा के प्रॉब्लम सॉल्विंग ब्रेन को तेज करती है जिससे वे एग्जाइम्स में बेहतर कर सकते हैं।
उनके स्क्रीन टाइम को कम करें
बच्चे खेल-खेल में या फोन चलाते समय पढ़ाई और अपने ऊपर ध्यान देने के बारे में बिल्कुल ही भूल जाते हैं। इससे बच्चे का फोकस बिगड़ने लगता है और दिमाग भी काफी प्रभावित होता है। इस चीज से बचने के लिए बच्चे के मोबाइल और टीवी आदि देखने के टाइम को धीरे-धीरे कम करें और इसकी बजाय बच्चे को पुराने और दिमाग लगाने वाले खेलों को खेलना सिखाएं।
उन्हें रोजाना के काम दें
अगर आप बच्चे को रोज की रोज काम सौंपते हैं, तो उन्हें रोजाना एक लक्ष्य पूरा करने को मिल जाता है। इससे उनका दिमाग फोकस हो कर काम पूरा करना सीखता है। बच्चे की उम्र के हिसाब से उन्हें काम दें, जैसे अगर आपका बच्चा छोटा है तो उसे बुक्स को ठीक करने या फिर अपना बैग सही करने का काम दे सकती हैं।
पर्याप्त नींद लेना है जरूरी
सभी चीजों के साथ-साथ एकाग्रता को बढ़ाने के लिए नींद का भी एक आवश्यक रोल है। शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने के बाद दिमाग को पर्याप्त आराम मिलना बहुत जरूरी है। इसके लिए रात के 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है। कई स्टडी का मानना है कि यदि इंसान पर्याप्त नींद लेता है तो वह किसी भी कार्य को अधिक एकाग्रता के साथ कर सकता है।
मेडिटेशन
मेडिटेशन केवल बड़ों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता बल्कि यह बच्चों के लिए भी उतना ही लाभदायक होता है। अपने बच्चे को प्रतिदिन 10 से 12 मिनट मेडिटेशन के लिए प्रोत्साहित करें, इससे आपके बच्चे के एकाग्रता में वृद्धि होती है। यदि आप बचपन से ही यह आदत बच्चों में विकसित करेंगे तो आगे चलकर मेडिटेशन करना उनकी आदत हो जाएगी। इसके लिए कई तरह के मेडिटेशन होते हैं जैसे सिंगिंग, मंत्रोच्चारण आदि लेकिन कोशिश करें कि अपने साथ बच्चे को व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करें। यह बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।