जानिए सेहत के लिए कौन से बर्तन फायदेमंद हैं और हमें किन बर्तनों में कुकिंग करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए
फैशन के इस दौर मॉड्यूलर किचन तो ट्रेंड में है ही, कुकिंग के लिए भी लोग तरह-तरह के बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फैशन के इस दौर मॉड्यूलर किचन तो ट्रेंड में है ही, कुकिंग के लिए भी लोग तरह-तरह के बर्तनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक तरफ नॉन स्टिक पैन का इस्तेमाल बढ़ा है, तो वहीं खाने-पीने के लिए लोग फाइबर, ग्लास, स्टील या बोन चाइना क्रॉकरीज में खाना पसंद करते हैं. हालांकि अभी भी कई परिवार हैं जो तांबा, पीतल या कांसा आदि बर्तनों में खाना बनाना और खाना परोसना प्रेफर करते हैं.
मेड लाइन प्लस के मुताबिक, पहले जमाने में इस्तेमाल होने वाले बर्तन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते थे. मसलन, अगर आप लोहे के बर्तनों में खाना बनाएं तो इससे आपके शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी और शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर भी ठीक रहेगा. तो आइए जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए कौन से बर्तन अधिक फायदेमंद होते हैं और हमें किन बर्तनों में कुकिंग करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
सेहत के लिए किन बर्तनों का करें प्रयोग
तांबे का इस्तेमाल
तांबे में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. अगर तांबे के गिलास या जग में पानी पिया जाए तो पाचन बेहतर होता है और घाव जल्दी भरने में भी ये मदद करता है. यही नहीं, हीमोग्लोबिन बढ़ाने और बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में भी तांबा का बर्तन काफी उपयोगी है. लेकिन तांबा में खट्टी चीजों को नहीं बनाना चाहिए. मेडलाइनप्लसके मुताबिक, तांबे का इस्तेमाल आप कुकिंग में भी कर सकते हैं. लेकिन अगर इसका अत्यधिक इस्तेमाल किया जाए तो डायरिया, नॉजिया या चक्कर आने की समस्या हो सकती है. बेहतर होगा अगर आप इसके उपर दूसरे मेटल का कोटिंग करने के बाद कुकिंग में इस्तेमाल करें.
स्टील का इस्तेमाल
खाना पकाने के साथ साथ खाने के लिए भी सबसे उचित धातु स्टील को माना जाता है. यह हाई हीट पर भी खाने के साथ रिएक्ट नहीं करता. नॉन-रिएक्टिव गुण होने की वजह से इसमें आप कुछ भी खा और पी सकते हैं जबकि इसमें आप निश्चिंत होकर कुछ भी पका सकते हैं. ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है.
पीतल का इस्तेमाल
पीतल के बर्तन में आप खाना पका सकते हैं लेकिन बेहतर होगा कि आप इस पर स्टील कोटिंग के बाद ही इसका कुकिंग में इस्तेमाल करें. दरअसल, ये धातु गर्म होने पर नमक व एसिडिक फूड्स के साथ रिएक्ट कर सकता है इसलिए इसमें खाना बनाने से परहेज करना चाहिए. लेकिन आप इसके ग्लास और प्लेट का इस्तेमाल बेझिझक कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से इम्यूनिटी अच्छी रहती है और लीवर ठीक रहता है.
लोहे का इस्तेमाल
कुकिंग में अगर आप लोहे की कड़ाही, तवा और करछी आदि का इस्तेमाल करते हैं तो इससे शरीर में हीमोग्लोबिन बेहतर होती है और लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में मदद मिलती है. हालांकि, इसमें कभी भी रसम, सांभर आदि खट्टी चीजें ना बनाएं. वरना ये लोहे के साथ रिएक्ट कर सकती हैं और खाने का स्वाद भी खराब हो सकता है. यही नहीं, ये सब्जी के रंग को भी काला कर सकता है.
चांदी का इस्तेमाल
चांदी के बर्तन में भी खाने के कई फायदे हैं. इसमें एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-माइक्रोबियल तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को ठंडक पहुंचाने, पित्त दोष को दूर करने, मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, मूड बेहतर बनाने, कफ और गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है. इसलिए आप इसे गिलास, चम्मच, प्लेट आदि के रूप में प्रयोग कर सकते हैं.
एल्युमीनियम का इस्तेमाल
एल्युमीनियम काफी मजबूत होता है और तेजी से गर्म हो सकता है. इसलिए कई लोग इसमें खाना बनाना पसंद करते हैं. हालांकि गर्म होने पर एल्युमीनियम एसिड वाले फूड आइटम्स जैसे टमाटर और सिरका के साथ प्रतिक्रिया करता है और रिएक्शन में खाने को विषाक्त बना सकता है.
शीशे के ग्लास का इस्तेमाल
शीशे की बोतलों में कोई रसायन नहीं होता और उनमें कोई गंध या स्वाद भी नहीं होता. इसलिए इसे सेफ माना जाता है. आप इसमें किसी भी तरह का खाना रख सकते हैं और खा सकते हैं. बशर्ते ये टूटा हुआ ना हो.