शहीद दिवस के मौके पर जानिए भगत सिंह के ये क्रांतिकारी विचार

ये बात हर एक भारतीय जानता है कि भारत को आजादी लेने के लिए कितने संघर्ष करने पड़े थे और नाजाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राण इस आजादी की लड़ाई में त्याग दिए थे।

Update: 2022-03-23 05:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये बात हर एक भारतीय जानता है कि भारत को आजादी लेने के लिए कितने संघर्ष करने पड़े थे और नाजाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राण इस आजादी की लड़ाई में त्याग दिए थे। इन्हीं में से एक थे शहीद भगत सिंह, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आगे आजादी का झंडा लिए राष्ट्रवादी आंदोलन चलाए। भगत सिंह के इस शौर्य को देखकर अंग्रेज भी डरे हुए थे। भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ जब मोर्चा खोला, तो उन्होंने नारा दिया कि 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' 28 सितंबर 1907 को जन्मे भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए और उनके साथ राजगुरु और सुखदेव को भी अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर चढ़ा दिया था। लेकिन भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं, तो चलिए इस शहीदी दिवस के मौके पर इन विचारों को जानते हैं और अपनाते भी हैं। आप अगली स्लाइड्स में इन विचारों को जान सकते हैं...

क्या तुम्हें पता है कि
दुनिया में सबसे बड़ा पाप
गरीब होना है?
गरीबी एक अभिशाप है
ये एक सजा है।
शहीदी दिवस 2022
जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है
उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी
उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।
शहीदी दिवस 2022
राख का हर एक कण
मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं
जो जेल में भी आजाद है।
शहीदी दिवस 2022
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।
शहीदी दिवस 2022
कानून की पवित्रता तभी
तक बनी रह सकती है
जब तक वो लोगों की
इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
शहीदी दिवस 2022
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