लाइफस्टाइल: पुरी में हैं ये 5 खूबसूरत पर्यटन स्थल, एक बार जरूर देखें इनका रुख: पुरी पर्यटन स्थल ट्विटर पर साझा करने के लिए क्लिक करें (नई विंडो में खुलता है) फेसबुक पर साझा करने के लिए क्लिक करें (नई विंडो में खुलता है) व्हाट्सएप पर साझा करने के लिए क्लिक करें (नई विंडो में खुलता है) किसी मित्र को लिंक ईमेल करने के लिए क्लिक करें (नई विंडो में खुलता है) प्रिंट करने के लिए क्लिक करें (नई विंडो में खुलता है)
पुरी पर्यटन स्थल
इस जगह की पहचान ऐसी ख़ूबसूरत और अलहदा है कि देश दुनिया भर से सैलानी इस जगह पर आते हैं। इस जगह पर आपको एक यात्रा देखने का मौका मिलता है। पुरी पर्यटन स्थल: ओडिशा हमारा देश भारत का एक प्रमुख राज्य है जो पर्यटन के साथ-साथ अपनी विविधताओं के लिए जाना जाता है। इस जगह का रहना सहन, जीवन और संस्कृति बहुत ही लाजवाब है। इसी का एक ख़ूबसूरत सा हिस्सा पुरी जोकी अपने दर्शनीय स्थलों के लिए जाना जाता है। इस जगह की पहचान ऐसी ख़ूबसूरत और अलहदा है कि देश दुनिया भर से सैलानी इस जगह पर आते हैं। इस जगह पर आपको एक यात्रा देखने का मौका मिलता है। इस जगह पर अगर आप आने का विचार कर रहे हैं तो आपको एक खूबसूरत समुद्र तट का नजारा दिखाई देगा। आप कई तरह के खूबसूरत ऐतिहासिक स्थल देख पाएंगे। पुरी यात्रा के दौरान आप कई ऐसे गांवों की यात्रा कर सकते हैं जिनमें सांस्कृतिक गांव भी शामिल हैं। इन सभी स्थानों पर आप अपनी यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं। आप अपनी अकुलाहट के लिए पुरी बहुत ही मकूल जगह पर हैं।
श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर पुरी ही नहीं बल्कि हमारे देश के सबसे बड़े और प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ को प्रति लोगों के मन में श्रद्धा अर्पित की जाती है। यह मंदिर दुनिया भर में अपनी आस्था के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में लोग अपनी धार्मिक भावनाएं प्रकट करने के लिए आते हैं। इस मंदिर की मजबूती बहुत ही ख़ूबसूरत है जो दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कलिंग शैली में बने इस मंदिर की वास्तुकला ही दिखती है। इस स्थान पर आने वाले लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन करते हैं और इस मंदिर की स्थापत्य कला और शिल्प की सजावट नहीं करते। यह मंदिर, धार्मिक आस्था और सुंदरता का उदाहरण है।
पुरी समुद्रतट
श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर के अलावा पुरी का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण यहां का बृहद समुद्र तट है। यह बंगाल के शिखर के किनारे स्थित है। दिन भर इधर-उधर घूमने की बात ऐसा लगता है कि पूरी की पूरी भीड़ समुद्र तट पर है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ईसाई धर्म के अनुसार मंदिर में दर्शन के बाद समुद्र में प्रवेश को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस जगह से सूर्योदय और सूर्य का नजारा भी बहुत ही खूबसूरत दिखता है। डूबते सूरज के मनमोहक दृश्य को देखने के लिए लोग इस जगह पर आते हैं। इस जगह पर आप कुछ लोग शाम के समय टहलते और सुबह की सैर भी करते हैं। इस जगह पर कई तरह की गतिवधियां भी मौजूद हैं। कुल मिलाकर यह समझ में आ सकता है कि यह जगह बहुत ही ख़ूबसूरत और विविधतापूर्ण है।
चिल्का झील
चिल्का झील पूरी तरह से सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। यही कारण है कि इस जगह पर देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। इसका मतलब यह है कि यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी पानी की झील है। इस झील के विस्तार का विवरण आपको इसी बात से लग सकता है कि यह पुरी, गंजम और खोरधा उड़ीसा के 3 टैटू तक की मूर्ति बनी है। इस जगह पर आपको कई तरह की जैव विविधता देखने को मिलती है। इस झील में आप अपने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कई छोटे-छोटे द्वीपों को भी देखने मिल जाएंगे। इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको पूरी तरह से लगभग 50 किमी की दूरी तय करनी होगी। इस जगह पर समुद्र में तरह-तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं। इस जगह पर आप ब्रेड वाचिंग और बोटिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।
मार्कंडेश्वर मंदिर
मार्कंडेश्वर मंदिर को उड़ीसा के सबसे दर्शनीय मंदिर में से एक माना जाता है। पुरी में यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत और पवित्र मंदिर स्थित है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। इसके मजबूत को देखकर सैलानी इस मंदिर की ओर से दूर से ही खींचे चले आते हैं। यह आसपास के लोगों का ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से आने वाले सैलानियों की भी आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है। इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी का बताया जाता है। इस मंदिर में दस भुजाओं वाली नटराज की चोटी मौजूद है। इस जगह पर आपको देवी पार्वती, भगवान मुरुगा गणेश जी के भी दर्शन होंगे। इस जगह पर एक अद्भुत कला से भी आपका परिचय होगा। इस खूबसूरत मंदिर में भगवान शिव के 52 पवित्र मंदिर स्थित हैं। इस जगह पर आपको बहुत ही अच्छा लगेगा।
उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएँ
पुरी में घूमने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन उदयगिरि और गिरिजाघर की गुफाओं की अपनी एक अलग ही बात है। इस जगह पर नहीं दिया गया जैन विज्ञान तो समझो आपकी यात्रा अधूरी रहेगी। इसलिए आपको इन गुफ़ाओं को देखना ही चाहिए। इन प्राचीन गुफ़ाओं का इतिहास बहुत ही पुराना है। ऐसा बताया जाता है कि इन गुफ़ाओं का निर्माण ईसा पूर्व लगभग दूसरी शताब्दी में हुआ था। राजा खारवेल द्वारा बनवाई गई ये गुफाएं आपके अंदर कई तरह के रहस्यों से जुड़ी हुई हैं। कुछ एल