जानिए कोरोना से मौत का ख़तरा, स्मोकिंग से भी बढ़ता है वायरस

जानिए कोरोना से मौत का ख़तरा, स्मोकिंग से भी बढ़ता है वायरस

Update: 2021-04-12 15:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, कोरोना वायरस की दूसरी लहर एक बार फिर दुगुनी तेज़ी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। पिछले साल जहां कोविड-19 उम्रदराज़ लोगों को अपना शिकार बना रहा था, वहीं इस साल नौजवान भी इसके शिकार हो रहे हैं। इस साल कोविड-19 के ताज़ा मामलों ने पिछले साल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे ये साफ है कि ये वायरस अब और शक्तिशाली हो गया है। हालांकि, देश भर में कोवि-19 की वैक्सीन ड्राइट चल रही है, लेकिन फिर भी इससे जुड़ी सभी सावधानियां बरतनी बेहद ज़रूरी हैं।

ये हम सब जानते हैं कि कोरोना उन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, जैसे दिल की बीमारी, सांस से जुड़ी बीमारी, डायबिटीज़ या फिर कैंसर। इसके अलावा ऐसे लोग जो सिगरेट, तंबाकू आदि का इस्तेमाल करते हैं उनमें भी कोरोना वायरस से जुड़ा जोखिम बढ़ जाता है। पिछले साल हुए एक शोध में यह पहले ही साबित हो चुका है कि जिन लोगों को दिल और फेफड़े से संबंधित कोई समस्या होती है, उनके लिए कोरोना वायरस बेहद ख़तरनाक है। ऐसे में ई-सिगरेट, सिगरेट, तंबाकू के शौक़ीन लोगों के लिए ये ख़तरा और भी बढ़ जाता है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के प्रवक्ता माइकल फेल्बेरबॉम का कहना है, "जो लोग पहले से ही दिल और फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त हैं, उनके लिए COVID-19 जानलेवा साबित हो सकता है। इसमें वो लोग भी शामिल हैं जो ई-सिगरेट या सिगरेट, तंबाकू या निकोटीन युक्त पर्दाथों का सेवन करते हैं। ई-सिगरेट फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं।"इस बारे में कई अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित युवाओं के मामले अनुमान से कहीं ज़्यादा देखने को मिल रहे हैं, जिसके पीछे वेपिंग यानी ई-सिगरेट्स एक बड़ा कारण हो सकती है।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग अब्यूज़ की प्रमुख, नोरा वॉलको, ने हाल ही में एक ब्लॉग में चेतावनी देते हुए लिखा कि कोरोना वायरस तंबाकू, चरस या जो लग धूम्रपान या ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए एक विशेष रूप से गंभीर ख़तरा साबित हो सकता है।अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इस बारे में और जानकारी देते कहा कि ई-सिगरेट पीने से कोरोना वायरस का खतरा नॉर्मल स्मोकिंग से कम या कभी-कभी अधिक होता है। इससे न केवल कोरोना वायरस का खतरा अधिक बढ़ जाता है बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक है। समय के साथ आपकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है।
स्मोकिंग से कैसे बढ़ जाता है कोविड-19 का जोखिम?
पहली बात, कि स्मोकिंग से हमारे फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है, जिससे किसी भी तरह के संक्रमण या सांस से जुड़ी बीमारी का होना आसान हो जाता है। कोविड-19 भी ऐसा संक्रमण है, जो फेफड़ों को बही प्रभावित करता है। कोविड वायरस फेफड़ों को बुरी तरह संक्रमित कर देता है कि पूरे शरीर का इस वायरस से लड़ना मुश्किल हो जाता है।
दूसरा, कि जो लोग सिगरेट, हुक्का, बीड़ी आदि पीती हैं, उनमें कोविड का जोखिम इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि वे इन सभी चीज़ों हाथों से पकड़ते हैं और फिर मुंह में रखकर पीते, साथ ही कई बार दूसरों से शेयर भी करते हैं, जिससे संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैलना आसान हो जाता है।
शोध में भी ये साबित हो चुका है कि जो लोग स्मोक करते हैं, वे कोविड-19 से संक्रमित और मौत होने का जोखिम कहीं ज़्यादा होता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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