जानिए रिलेशनशिप पर चाइल्‍डहुड ट्रामा का असर

किसी भी रिश्‍ते को बनाने और तोड़ने की एक बहुत बड़ी वजह इंसान के बचपन की बुरी यादें, दुर्घटनाएं या खराब अनुभव हो सकती हैं

Update: 2022-07-28 06:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    किसी भी रिश्‍ते को बनाने और तोड़ने की एक बहुत बड़ी वजह इंसान के बचपन की बुरी यादें, दुर्घटनाएं या खराब अनुभव हो सकती हैं. छुटपन में मन पर लगा आघात इंसान के रिलेशनशिप को कई तरह से प्रभावित करता है. साइकोलोजिस्‍ट और रिलेशनशिप काउंसलर ल्यूसिले शैकलटन बताती हैं कि बचपन के बुरे अनुभवों को झेलते झेलते भले ही बच्‍चा अधिक मेच्‍योर हो जाता है और इन चीजों से निपटना सीख लेता है, लेकिन जब वो एक रिश्‍ते में जाता है तो उसे कई तरह की इंसिक्‍योरिटी का अनुभव हर वक्‍त सताते रहता है. ऐसे में हालात को सुधारने के लिए मेडिकल साइंस में कई तरह के उपाय हैं और काउंसिलिंग, मेडिटेशन, ग्राउंडिंग एक्‍सरसाइज की मदद से उन्‍हें उबारा जा सकता है और वो एक अच्‍छे रिलेशनशिप को एंज्‍वॉय कर पाता है. यहां हम आपको बताते हैं कि चाइल्‍डहुड ट्रामा अडल्‍ट रिलेशनशिप में कितना असर डालता है.

रिलेशनशिप पर चाइल्‍डहुड ट्रामा का असर
विश्‍वास का अभाव
जब बचपन में कुछ ऐसी घटनाओं से इंसान गुजरता है जिसमें अपने ही विश्‍वासघात किए हों या विश्‍वास तोड़े हों तो उसे जीवनभर अपनों पर विश्‍वास करने में समस्‍या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में वह रिलेशनशिप में कभी भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता.
संवाद में दिक्‍कत
बचपन में जब बच्‍चों को बेहतर तरीके से कॉम्‍युनिकेशन करने की आजादी नहीं दी जाती या हर बात को चुपचाप सहना सिखाया जाता है तो आगे चलकर हर फीलिंग को एक्‍सप्रेस करने में उन्‍हें समस्‍या आने लगती है. जिससे इंसान अपनी फीलिंग को अपनों के साथ भी शेयर नहीं कर पाता.
तनाव
अगर बचपन से ही इंसान तनाव में रहा है तो बड़े होने पर स्‍ट्रेस उसके लिए ट्रिगर का काम करता है और वह रिलेशनशिप में हर तरह के तनाव से बचने की कोशिश करता है.
रिएक्टिव बन जाना
कई बार इंसान उन चीजों पर भी रिएक्‍शन देने लगता है जिसे अन्‍य लोग समझ भी नहीं पाए हों. ऐसे में पार्टनर के लिए ये मुश्किल सिचुएशन क्रिएट कर सकता है.
लगाव की कमी
बचपन के अनुभव की वजह से कई बार इंसान जल्‍दी किसी से अटैच नहीं हो पाता और किसी के लिए उसके मन में लगाव पैदा नहीं होता. ऐसे में रिलेशनशिप में जाना उसके लिए मुश्किल काम हो सकता है.
खुद को नुकसान पहुंचाना
यह भी बचपन के अनुभवों का ही एक कारण है जिसमें इंसान बात बात पर रिलेशनशिप में खुद या अपने रिश्‍ते को नुकसान पहुचाने का प्रयास करता रहता है. अगर आप कुछ ऐसा अनुभव करते हैं तो काउसिंलिंग की मदद से अपने रिलेशनशिप को बेहतर बना सकते हैं और बचपन की बुरी यादों से खुद को उबार सकते हैं.
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