जाने अंजनेयासन योग मुद्रा के फायदे
अंजनेयासन न सिर्फ शारीरिक संतुलन बनाए रखता है
अंजनेयासन शरीर को स्ट्रेच प्रदान करने वाला विशेष योगासन माना जाता है। इस योगासन से कूल्हों समेत शरीर की कई महत्वपूर्ण मांसपेशियों को लचीला बनाया जा सकता है। अंजनेयासन को आमतौर पर सूर्य नमस्कार के योगासनों के साथ किया जाता है। अंग्रेजी में इसे क्रिसेंट लंग पोज, क्रिसेंट मून पोज व अन्य कई नामों से जाना जाता है। यह एक सरल योग मुद्रा है, जिसे शुरुआती अभ्यासकर्ता भी आसानी से कर सकते हैं। वैसे तो इस योगासन को योग प्रशिक्षक की मदद के बिना ही किया जा सकता है। लेकिन फिर भी इसका पूरा लाभ उठाने के लिए आपको किसी अच्छे योग प्रशिक्षक से मदद लेने की सलाह दी जाती है। चलिए जानते हैं अंजनेयासन योग मुद्रा के फायदे और इसका अभ्यास करने का सही तरीका क्या है।
अंजनेयासन के फायदे (Benefits of Crescent Moon Pose)
यदि अंजनेयासन का अभ्यास सही तकनीक के साथ विशेष सावधानियां बरतते हुए किया जाए तो इससे निम्न लाभ मिल सकते हैं -
1. शारीरिक संतुलन सुधार करे अंजनेयासन
अंजनेयासन अभ्यास करने से शरीर की मूल मांसपेशियों में लचीलापन आता है और साथ ही उनकी मजबूती भी बढ़ती है जिससे शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। नियमित रूप से इस योगासन का अभ्यास करने से संतुलन संबंधी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।
2. अंजनेयासन लाए पेट की मांसपेशियों में खिंचाव
पेट की मांसपेशियों के लिए अंजनेयासन को लाभदायक योग मुद्रा माना जाता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और पेट के अंग उत्तेजित होकर सक्रिय रूप से काम करने लगते हैं। अंजनेयासन पाचन क्रिया को तेज करने में भी मदद करता है।
3. रक्त परिसंचरण बढ़ाए अंजनेयासन
यदि नियमित रूप से अंजनेयासन अभ्यास किया जाए तो उससे रक्त परिसंचरण क्रिया में सुधार होता है और शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों को पर्याप्त रक्त आपूर्ति मिल पाती है।
4. ध्यान केंद्रित करने में मदद करे अंजनेयासन
अंजनेयासन न सिर्फ शारीरिक संतुलन बनाए रखता है, इससे मानसिक स्थितियों में भी सुधार किया जाता है। नियमित रूप से अंजनेयासन का अभ्यास करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है।
हालांकि, अंजनेयासन अभ्यास करने से प्राप्त होने वाले लाभ मुख्य रूप से योगासन करने के तरीके और आपकी शारीरिक स्थिति पर ही आधारित होते हैं।
अंजनेयासन करने का तरीका (Steps to do Crescent Moon Pose)
यदि आप पहली बार अंजनेयासन अभ्यास करने जा रहे हैं, तो निम्न तरीकों की मदद से आपको यह योग मुद्रा बनाने में मदद मिल सकती है -
Step 1 - सबसे पहले फर्श पर मैट बिछा लें और उस पर सीधे खड़े हो जाएं
Step 2 - बाएं पैर को आगे व दाएं पैर को पीछे रखें और कमर व गर्दन सीधी रखें
Step 3 - अब बाएं घुटनों के मोड़ते हुए आगे ले जाएं और दाएं पैर के घुटने को मोड़ते हुए मैट पर रख लें
Step 4 - ऐसा करते हुए दाएं पैर के ऊपरी हिस्से को मैट पर रख लें और तलवे को ऊपर की तरफ कर लें
Step 5 - दोनों हाथों को उठाएं और उन्हें कूल्हों या जांघों के आगे रख लें
Step 6 - अब गहरी सांस लेते हुए बाएं पैर के पंजे पर हल्का जोर देना शुरू करें और दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं
Step 7 - दोनों बाहों को सीधा ऊपर रखें व हाथों को जोड़ लें और इस दौरान आपकी बाइसेप्स आपके कानों को स्पर्श कर रही होनी चाहिए
Step 8 - अब गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ें और साथ ही रीढ़ की हड्डी को सीधा करें
इस योग मुद्रा को आप अपनी क्षमता के अनुसार अवधि तक कर सकते हैं और इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ सकते हैं। हालांकि इस योग मुद्रा में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं, जो योगी की क्षमता व शारीरिक लचीलता पर निर्भर करते हैं।
अंजनेयासन में सावधानी (Precautions during Crescent Moon Pose)
अंजनेयासन अभ्यास के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है जिनमें आमतौर पर निम्न शामिल हैं -
योगासन क्रिया के दौरान घुटने को तीव्रता के साथ नीचे ले जाने की कोशिश न करें
आगे वाला घुटना टखने के सीध में और पैर भी सीधा रखा होना चाहिए
योग मुद्रा बनाते समय किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर तुरंत मुद्रा को रोक देना चाहिए
योगासन के दौरान कोई भी क्रिया बलपूर्वक करने की कोशिश न करें
गर्दन व रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें
अंजनेयासन कब नहीं करना चाहिए (Wnen not do Crescent Moon Pose)
यदि आपको निम्न में से कोई भी स्वास्थ्य स्थिति या समस्या है, तो अंजनेयासन या कोई भी योग मुद्रा करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें -
शरीर में कमजोरी, थकावट या जकड़न महसूस होना
शरीर के किसी हिस्से में गंभीर दर्द, मोच या चोट लगी होना
सांस या हृदय संबंधी रोग
सिर घूमना या चक्कर आना