जानिए ओवरथिंकिंग कैसे दिमाग पर डालती है असर

कई बार दिमाग में बार-बार एक ही बात आती रहती है और उसे ही सोच कर हम खुद को परेशान करते रहते है

Update: 2022-06-30 11:41 GMT

कई बार दिमाग में बार-बार एक ही बात आती रहती है और उसे ही सोच कर हम खुद को परेशान करते रहते है. इसे ओवरथिंकिंग कहा जाता है. अक्सर इस केस में किसी छोटी सी बात को हम मन ही मन काफी ज्यादा बढ़ा लेते हैं. आस पास में भी अगर कुछ होता है तो उससे भी आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. बार-बार सोचना और चिंता करना एक बीमारी हो सकती है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने से मानसिक सेहत काफी प्रभावित हो सकती है और साथ में शारीरिक सेहत से जुड़े लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं. अगर यह ख्याल आना अभी अभी शुरू हो रहे हैं तो इनको शुरू से ही ट्रीट करना शुरू रहता है नहीं तो यह दिमाग पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं. इससे पहले यह आपकी जिंदगी में दखलंदाजी करना शुरू करें, जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कैसे यह बीमारी जीवन को प्रभावित करती है.

ओवरथिंकिंग का प्रभाव
–हेल्थ शॉट्स के मुताबिक कोई भी निर्णय बना पाने में काफी कठिनाई महसूस होती है.
-जज्बाती रूप से काफी खाली-खाली महसूस होता है.
-हर समय नींद आती रहती है और किसी काम में मन नहीं लगता है.
-काफी चिड़चिड़ा और कठोर व्यवहार कर सकते हैं जिससे दूसरों के साथ रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं.
-अलग दृष्टिकोण से चीजें समझ पाने में कठिनाई महसूस होती है.
-काफी ज्यादा स्ट्रेस देखने को मिलता है.
-बार-बार एक जैसे विचार रात में सोने में परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
-किसी भी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है.
-इससे एंजाइटी, डिप्रेशन और यहां तक की खुद के बारे में ही बुरा सोचने तक की नौबत आ सकती है.
-इससे रोजाना का रूटीन काफी प्रभावित होता है. आप अपने अंदर की प्रोडक्टिविटी भी कम ही महसूस करेंगे.
-इससे दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते भी खराब होने लग जाते हैं.
-इससे भूख और नींद सबसे ज्यादा प्रभावित होती है और इस कारण शारीरिक सेहत पर भी काफी असर देखने को मिल सकता है.
-इससे दिमाग की सेल्स काफी एग्जास्ट हो सकती हैं.
-इससे खुद का आत्म विश्वास कम होता जाता है और अपने ऊपर संदेह होने लगता है कि हमसे कुछ हो पाएगा.


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