जानिए हाइपरटेंशन के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में....

हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।

Update: 2022-05-17 05:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में हर साल लाखों लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का निदान किया जाता है। भारत के संदर्भ में बात करें तो विशेषज्ञ इस बढ़ते खतरे को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि लगभग 33% शहरी और 25% ग्रामीण आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं। ग्रामीण इलाकों में हर दस में से एक और शहरी आबादी में पांच में से एक व्यक्ति ही रक्तचाप की समस्या को कंट्रोल कर पाने में सफल है। गंभीर बात यह है कि 60-70 फीसदी लोगों को जब तक समस्या बढ़ न जाए तब तक पता ही नहीं चल पाता है कि वह हाइपरटेंशन के शिकार हैं।
तेजी से बढ़ती इस वैश्विक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हाइपरटेंशन की समस्या वयस्कों से लेकर वृद्धजनों तक, किसी को भी हो सकती है, ऐसे में सभी लोगों के इसके बारे में जानना और बचाव के उपाय करते रहना बहुत आवश्यक हो जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में हाइपरटेंशन के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक धमनी की दीवारों के खिलाफ लंबे समय तक रक्त के बढ़े हुए दबाव की स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। आपका हृदय कितना रक्त पंप करता है और धमनियों में रक्त प्रवाह के प्रतिरोध की मात्रा कितनी है, इस आधार पर रक्तचाप के स्तर का निर्धारण किया जाता है। धमनियों का संकीर्णता जितनी अधिक होगी और जितना अधिक रक्त आपके हृदय द्वारा पंप किया जाता है, रक्तचाप उतना ही अधिक होता है। रक्तचाप के स्तर 120/80 मिमीएचजी को सामान्य माना जाता है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण
ब्लड प्रेशर, क्यों बढ़ जाता है इस बारे में सभी लोगों को जानना आवश्यक है। उम्र, पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली-खानपान में गड़बड़ी, मोटापा, सोडियम का अधिक सेवन और शराब-धूम्रपान जैसी आदतें मुख्यरूप से इसके प्रमुख कारण के तौर पर जानी जाती हैं।
कुछ लोगों में अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है। इसमें किडनी की बीमारियां, एडर्नल ग्लैंड ट्यूमर, रक्त वाहिकाओं में (जन्मजात) दोष, कुछ दवाओं के अधिक सेवन जैसी समस्याओं को भी जिम्मेदार माना जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर की पहचान कैसे करें?
उच्च रक्तचाप वाले अधिकांश लोगों में शुरुआत में कोई भी संकेत नजर नहीं आते हैं, हालांकि रक्तचाप की रीडिंग बढ़ी हुई देखी जा सकती है। जबकि कुछ लोगों को रक्तचाप का स्तर बढ़ने की स्थिति में कई तरह की समस्याओं का अनुभव हो सकता है, जिसके बारे में ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
चिड़चिड़ापन या चक्कर आना।
लंबे समय तक उच्च रक्तचाप के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस की जटिलताएं बढ़ जाती है। इसमें रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर प्लाक बनने लगते हैं जिससे धमनियों की संकीर्णता बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर का क्या इलाज है?
हाई ब्लड प्रेशर, जीवनभर बनी रहने वाली समस्या है। इसके इलाज के रूप में इसे कंट्रोल करने पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जीवनशैली में बदलाव से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित और प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि जिन लोगों का रक्तचाप बहुत बढ़ा रहता है और सामान्य उपायों से कंट्रोल नहीं हो पाता है, उन्हें डॉक्टर्स दवाएं दे सकते हैं, जिससे हृदय रोगों के जोखिम से बचा जा सके।
ध्यान रहे, इन दवाओं को बिना डॉक्टर के सलाह के खुद से बंद न करें। इससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। दवाइयों के साथ, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाले उपायों पर विशेष ध्यान देना भी आवश्यक हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के तरीके
जीवनशैली और आहार में बदलाव करके रक्तचार को कंट्रोल किया जा सकता है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर बढ़ा रहता है या फिर जिन्हें इसका खतरा अधिक होता है उन्हें आहार में सोडियम की मात्रा को कम रखने पर ध्यान देना चाहिए। सोडियम का अधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकती है।
इसके अलावा अधिक शराब-धूम्रपान करने वाले लोगों में भी इसका खतरा अधिक होता है, इन चीजों से बिल्कुल परहेज किया जाना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से व्यायाम की आदत बनाकर रक्तचाप को आसानी से कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है।
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