गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है जिसमें कई अलग-अलग प्रकार की सब्जियां देखने को मिलती है. लेकिन कुछ ऐसे भी सब्जियां होती हैं जो हमें 12 महीने बाजार में आसानी से मिल जाती हैं. इन सब्जियों में से एक नाम है कद्दू का आपको बाजार में दो तरह के कद्दू जरूर मिलेंगे. फीका और मीठा आप अपनी पसंद के अनुसार दोनों में से किसी भी कद्दू का चुनाव कर सकती हैं और आराम से इसे घर पर बना भी सकती है.इस दौरान बेहद जरूरी होता है. यह जान लेना कि जो कद्दू आपने खरीदा है, वह सही है या फिर नहीं.
ज्यादातर कद्दू खरीदते वक्त लोग इस बात पर ज्यादा गौर नहीं कर पाते हैं कि उनके द्वारा खरीदा गया कद्दू किस तरह का है यानी उसका वजन कितना है और कहीं पकने के बाद खराब तो नहीं निकलेगा. इसीलिए हम आपके लिए लेकर आ गए हैं कुछ टिप्स जो कि आपको सही कद्दू चुनने में मदद जरूर करेंगे. चलिए जानते हैं.
कद्दू के छिलके का टेक्सचर- जब आप कद्दू खरीदने जाएं तो सबसे पहले उसके छिलके पर गौर करें. कद्दू का छिलका जितना हार्ड होता है, कद्दू अंदर से उतना ही अच्छा निकलता है. कद्दू का मोटा छिलका उसके अंदर के गूदे को सुरक्षित करता है.
कद्दू के छिलके का रंग- कद्दू के छिलके की मोटाई और सख्तपन देखना ही काफी नहीं होता है. इसके साथ-साथ आप इसके छिलके का रंग देखना भी जरूरी होता है. बाजार में आपको पीले और हरे रंग का कद्दू जरूर मिल जाएगा. पीले रंग का कद्दू पकने और गलने में वक्त लेता है. वही हरे रंग का कद्दू जल्द ही पक जाता है और स्वाद में भी काफी अच्छा लगता है.
कद्दू का वजन- बाजार में कई ऐसे फल और सब्जी आते हैं जिनके की वजन को देखकर ही हमें उसकी अच्छाई का पता चलता है. ऐसे में कद्दू में वजन जितना ज्यादा होगा वह उतनी ही बेहतर क्वालिटी का होगा और उसके अंदर उतना ही अधिक गूदा निकलेगा.
कद्दू की स्टेम- सब्जियों की स्टेम की क्वालिटी को देखकर आप पहचान सकते हैं कि वह खाने में कैसी होगी. कद्दू के स्टेम जितनी सख्त और ड्राई होगी. कद्दू खाने में उतना ही टेस्टी होगा.
कद्दू के फायदे- कद्दू खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है. साथ में यह आखों की रोशनी, दिल की सेहत को भी लाभ देता है. कद्दू में फाइबर होता है. ऐसे में अधिक कद्दू खाने से आपको डायरिया, पेट दर्द की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.
न्यूज़ सोर्स: navyugsandesh