बॉडी का मेटाबॉलिक रेट हर 10 साल में कम हो जाता है जिससे एनर्जी लेवल कम हो जाता है। पुरुषों की डेली डाइट में बॉडी को महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मिल पाते है। इस तरह सेहत को लेकर कई समस्याएं हो सकती है। 30 साल पार होने पर मेटाबॉलिक रेट और इम्युनिटी (बीमारियों से बचाने की क्षमता) दोनों में कमी आती है। इसके अलावा चेहरे का ग्लो कम होने लगता है और बाल झड़ते हैं। आवश्यक तत्वों की पूर्ति के लिए सप्लीमेंट लेना भी महत्वपूर्ण है। यदि पुरुष अपनी बॉडी को बेहतर बनाना चाहते है, तो इन तत्वों को खाने में शामिल करे।
बादाम
इस्मने राइबोफ्लेविन होते हैं जो ब्रेन को हेल्दी रखते हैं। जिससे भूलने की बीमारी से बचाव होता हैं।
दाल
प्रोटीन की मात्रा रखने वाली दाल में फाइबर भी होता है। अगर कभी आपका मन सिर्फ दाल खाने का न करें, तो इसे आप सूप या सैलेड में भी डाल सकते हैं। फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाने वाली दाल आपके एनर्जी के लेवल को बढ़ाती है। साथ ही इसकी पेट में पचने की क्रिया भी काफी धीरे होती है, जिससे आपकी एनर्जी लंबे समय तक के लिए बनी रहती है।
दही
इससे डाईजेशन बेहतर रहता है, बॉडी हाइड्रेट रहती हैं, स्किन टाईट रहती हैं और बाल जल्दी सफ़ेद नहीं होते। यह किडनी में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को बनने में मदद करता है। इससे किडनी में होने वाली इंफैक्शन का खतरा टल जाता है।
हल्दी
अपनी डाइट में हल्दी की मात्रा बढ़ाने से भी किडनी इंफैक्शन का खतरा टल जाता है। इसमें मौजूद एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण किडनी को स्वस्थ रखते हैं।
यह, फाइबर लेने का सबसे अच्छा तरीका है। इसमें घुलने वाला और न घुलने वाला दोनों ही तरह का फाइबर होता है। यह सिर्फ नाश्ते में ही नहीं, बल्कि कई तरह से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से आप ओट्स डोसा या उत्तपम भी बना सकते हैं।
फल जैसे सेब और नाशपाती में भी फाइबर की मात्रा पाई जाती है। इन्हें आप साबुत, छोटे पीस काटकर सैलेड के रूप में और ब्लेंडर में शेक बनाकर भी ले सकते हैं। ध्यान रहे आपको इसे इस्तेमाल करते समय इसका छिलका नहीं उतारना है, क्योंकि इसके छिलके में ही फाइबर की मात्रा पाई जाती है।