घर पर बनाना चाहती हैं होली का रंग तो अपनाये ये तरीके है
सूरजमुखी की पंखुड़ियों से तैयार करें चमकीला-पीला रंग.
परंपरागत रूप से होली में फूल ही रंगों के एकमात्र स्रोत होते थे. हालांकि, समय के साथ प्राकृतिक रंगों की जगह कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाने लगा है. आकृति कोचर, हेयर ऐंड मेकअप एक्स्पर्ट ऑरिफ़्लेम इंडिया कहती हैं,“इन सिंथेटिक रंगों को बनाने के लिए ज़हरीले अल्कली, एसिड्स, मेटल्स और अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इनसे त्वचा की नाज़ुक सतह को हानि पहुंचती है और बैक्टीरियल इन्फ़ेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है. ये बालों को रूखा और बेजान बनाते हैं. अपनी त्वचा और बालों को बिना नुक़सान पहुंचाए होली का आनंद उठाने के लिए ऑर्गैनिक रंगों का विकल्प चुनें.” वैसे तो बाज़ार में आजकल कई हर्बल और ऑर्गैनिक रंग मौजूद हैं, लेकिन यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है या आप बच्चों के लिए ख़ुद घर पर रंग बनाना चाहती हैं तो इन तरीक़ों को अपनाएं. वैसे भी त्यौहारों पर डीआईवाई परिवार के सदस्यों को क़रीब ले आता है.
लाल
बीटरूट (चुकंदर) को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उसमें लाल गुलाब की सूखी हुई पंखुड़ियों को पीसकर मिलाएं. चाहें तो गुलाब की पंखुड़ियों के पाउडर में लाल चंदन भी मिला सकती हैं. इसे नारंगी रंग देने के लिए इसमें चुटकीभर हल्दी मिलाएं.
पीला
सूरजमुखी की पंखुड़ियों से तैयार करें चमकीला-पीला रंग. सूरजमुखी की पंखुड़ियों को सुखा लें और उन्हें क्रश करके उनमें पिसी हुई हल्दी मिलाएं. यदि आपको इसे हल्का करना है तो इसमें आटा मिलाएं और यदि चाहती हैं कि होली के रंग से फ़ेशियल भी हो जाए तो इसमें मुल्तानी मिट्टी मिलाएं.
नीला
नीले रंग के गुड़हल के फूल से तैयार करें नीला रंग. गुड़हल के फूल को छांव में सुखाएं, ताकि इसका रंग बरक़रार रहे. पूरी तरह से सूखने के बाद इन्हें पीसकर पाउडर बना लें. आप चाहें तो ब्लूबेरी को पीसकर पानी में मिलाकर गीला नीला रंग बना सकती हैं.
गुलाबी
चुकंदर को काटकर प्रेशर कुकर में डालें. इसमें ढेर सारा पानी डालें और 5-6 सीटी तक या मुलायम होने तक पका लें. अब इस पानी को छान लें. आपका हर्बल मजेंटा रंग तैयार है. सूखा गुलाबी रंग बनाने के लिए बीटरूट को पीसकर उसे छांव में सुखा लें और फिर आटे या बेसन में मिलाएं.
ग्रे
आजकल ऐक्टिवेटिड चारकोल मास्क काफ़ी चर्चा में हैं. आप काला या ग्रे रंग बनाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. एक टीस्पून ऐक्टिवेटिड चारकोल को आधा कप मुल्तानी मिट्टी में मिलाएं. इस मिश्रण में पानी मिलाकर इसका इस्तेमाल करें. क्योंकि सूखा होने पर यह नाक या मुंह में जा सकता है.
हरा
गीले हरे रंग के लिए पालक को पीस कर पानी में मिला सकती हैं. अच्छी ख़ुशबू और ठंडक के एहसास के लिए इसमें पुदीने की प्यूरी मिलाएं.