बचपन से लेकर बड़े होने तक मां, दादी, नानी, सबसे यही सुना होगा कि 'अच्छे से नहाना, घिस-घिसकर'। मगर हम अगर ये कहें कि केयर से भरी ये सलाह असल में आपको कुछ हद तक नुकसान पहुंचा रही है, तो आपका क्या रिएक्शन होगा? ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि डॉक्टर जयश्री शरद ने खुद इस बारे में जानकारी देते हुए लोगों को चेताया है। उन्होंने शेयर किया कि कैसे लूफा से लेकर स्क्रबिंग के लिए दूसरी चीजों का इस्तेमाल त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।इतना ही नहीं जिस कालेपन को दूर करने के लिए आप इन तरीकों को यूज कर रहे थे, वो असल में काले धब्बों को और बढ़ा सकता है।
स्किन की ऊपरी परत को नुकसान
आमतौर पर लोग अपनी गर्दन, कोहनी, घुटने या शरीर के किसी भी ऐसे हिस्से को नहाने के दौरान स्क्रब करते हैं, जिन पर उन्हें कालापन नजर आता है। हालांकि, डॉक्टर के मुताबिक, ऐसा करना स्किन को नुकसान पहुंचाता है। जयश्री शरद ने बताया कि लूफा या फिर मेकेनिकल स्क्रब्स से स्किन की सबसे ऊपरी परत को प्रभावित करता है।
इन समस्याओं को मिलता है न्योता
स्क्रबिंग के कारण अगर ऊपरी त्वचा को नुकसान पहुंचता है, तो उससे क्या होता है? ये भी जयश्री शरद ने समझाया। डॉक्टर ने शेयर किया कि स्किन की टॉपमोस्ट लेयर को जब इस तरह से नुकसान होता है, तो त्वचा यूवी रेज के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं। इस वजह से रैशेज, टैनिंग और सनबर्न होने लगते हैं।
हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या
इतना ही नहीं स्क्रबिंग से होने वाला फ्रिक्शन हाइपरपिगमेंटेशन को जन्म देता है। इसके साथ ही हाथों व पीठ पर मैक्युलर एमाइलॉयडोसिस की स्थिति जन्म ले सकती है, जिसमें एमीलॉइड नाम का प्रोटीन पिगमेंट उतरने लगता है और हाइपरपिगमेंटेशन को जन्म देता है। डॉक्टर ने सलाह दी कि इन समस्याओं से बचने के लिए ज्यादा एक्सफॉलिएशन और लूफा के इस्तेमाल व स्क्रबिंग को अवॉइड करना चाहिए।