अगर आप लगातार नकारात्मक विचारों से डील कर रहे हैं तो स्ट्रेस का असर हो सकता है

डिप्रेशन के होने पर कई बार इंसान इस तरह के विचारों और सिचुएशन से डील करता है

Update: 2024-04-17 03:30 GMT

लाइफस्टाइल: डिप्रेशन मानसिक समस्या है। जिसमे शरीर में दिखने वाले लक्षणों से ज्यादा मानसिक रूप से आने वाले विचारों से पता चलता है। अगर आप लगातार नकारात्मक विचारों से डील कर रहे हैं तो स्ट्रेस का असर हो सकता है। अक्सर उदास होना या मूड खराब होना आम बात है लेकिन जब इन विचारों से रोजमर्रा के काम प्रभावित होने लगे तो वो डिप्रेशन के लक्षण बन जाते हैं। डिप्रेशन के होने पर कई बार इंसान इस तरह के विचारों और सिचुएशन से डील करता है। ऐसे में समझना जरूरी है कि सामने वाला इंसान डिप्रेशन के दौर से गुजर रहा है।

बिल्कुल शांत और संयत व्यवहार करना

अगर कोई इंसान हर वक्त बिल्कुल नपा-तुला व्यवहार करता है और बिल्कुल शांत रहने की कोशिश करता है। खुद को बिल्कुल कंट्रोल करता है। तो इसका मतलब है कि वो मन में काफी सारी भावनाओं और विचारों को दबाकर रखे हैं। जिसे वो किसी के सामने भी जाहिर नहीं करना चाहता।

परफेक्शन के साथ काम करना

अगर कोई इंसान हर काम को बिल्कुल परफेक्शन के साथ करता है। तो कई बार ये संकेत देता है कि उसके मन में काफी स्ट्रगल चल रहा हो। इस तरह की सिचुएशन हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन की होती है। जिसका समय पर इलाज जरूरी है।

दूसरों पर ध्यान देना

हर वक्त दूसरों की मदद करना, दूसरों के बारे में सोचना, खुद की आवश्यकताओं पर बात ना करना, अपनी फीलिंग्स पर ध्यान ना देना। संकेत है कि इंसान डिप्रेशन की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में उसे प्रोफेशनल हेल्प की जरूरत है।

हर वक्त खुश रहना

हमेशा खुश दिखाई देना, लगातार बोलते रहना, किसी भी दुख वाली बात को इग्नोर करना। दिमाग की ये स्थिति संकेत देती है कि इंसान डिप्रेशन में है और वो अपनी फीलिंग्स को इग्नोर करके दूसरों पर फोकस करना चाहता है।

खुद को व्यस्त रखना

हमेशा काम में बिजी रहना, पर्सनल काम के लिए वक्त ना निकालना, अपने बारे में सोचने पर घबराहट महसूस होना। इस तरह की सिचुएशन से डील करते हैं। तो ये डिप्रेशन के लक्षण होते हैं। जिसके बारे में जानना और समझना जरूरी है। 

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