वर्क फ्रॉम होम से बिगड़ रहा हो नींद का सिस्टम तो उसे यूं दुरुस्त करें

Update: 2023-04-29 16:46 GMT
आप घर से काम करना शुरू करते हैं तो सबसे पहले आपका ट्रैवलिंग टाइम बच जाता है, जिसे आप पॉज़िटिव के तौर पर ले सकते हैं, पर ध्यान से सोचेंगे तो पैटर्न से हटने के कारण शरीर का बायोलॉजिकल सिस्टम बिगड़ जाता है. इसका सबसे अधिक प्रभाव हमारी नींद पर पड़ता है. आप भले ही रोज़ की तुलना में रात को जल्दी सोते हों, सुबह जल्दी उठ पाना संभव नहीं हो पाता. कई बार आधी रात को आपकी नींद खुल जाती है और उसके बाद आप ऑफ़िस के काम करने लगते हैं. भोर में नींद आती है और बाद में सुबह जल्दी नींद नहीं खुल पाती. जब आप उठते हैं तब तक कुछ डेडलाइन्स मिस कर चुके होते हैं. कहने की बात यह है कि लॉक डाउन के दौरान नींद का पूरा सिस्टम ही डांवा डोल हो चुका होता है. सोने का यह इरेग्युलर सिस्टम आपकी प्रोडक्टिवी पर भी असर डालता है. आप धीरे-धीरे इन्सोम्निया की गिरफ़्त में फंसने लगते हैं. यहां हम आपको नींद को नियमित रखने और उससे भी ज़रूर भरपूर नींद लेने के टिप्स दे रहे हैं, ताकि आप घर से काम करने के दौरान बेहद अनुशासित भी रह सकें.
दिन में झपकी लेना मना है
जब आप घर से काम कर रहे हों तो अपने पावर नैप्स यानी बीच-बीच में झपकी लेना बंद कर दें. अगर दिन में नींद आए ही तो 15-20 मिनट की झपकी पर्याप्त होगी. किसी भी क़ीमत पर झपकी का समय इससे ज़्यादा न करें. दिन में एक घंटे से अधिक की नींद आपको आलस से भर देगी. इससे आपको रात में भी ठीक से नींद नहीं आएगी.
ख़ुद को जागने का ईनाम दें
जैसा कि हम दूसरों के अच्छे काम के लिए उन्हें ईनाम यानी इंसेटिव देते हैं, उसी तरह ख़ुद को भी दिन में न सोने पर पुरस्कृत करें. आप ख़ुद को समय से उठने पर सेहतमंद नाश्ता खाने या अपने पसंदीदा पेट् के साथ खेलने जैसे इंसेटिव देना तय करें. या आप यह सोचें कि अगर जल्दी उठ गए तो आपके पास ज़्यादा समय होगा और आप कोई अच्छी किताब पढ़ सकेंगे. कहने का मतलब है अच्छी आदत डालें और उसके लिए ख़ुद को ईनाम दें.
स्लीप शेड्यूल बनाएं
यह सुनने में कितना अच्छा और कारगर लगता है कि हम अपने सोने और जागने का एक शेड्यूल बना लेंगे और सारी परेशानियां छूमंतर हो जाएंगी, पर वास्तव में ऐसा होता नहीं. पर यक़ीन मानिए अगर आपने डेडिकेशन के साथ ऐसा कर लिया तो आपसे ख़ुशहाल इस पूरी दुनिया में कोई नहीं होगा. तो आज से अपने साथ थोड़ी सख़्ती करें और अपने सोने और जागने का एक समय तय करें और बिना किसी टालमटोल के उसपर स्टिक भी रहें.
मदद के लिए कुछ ऐप्स डाउनलोड करें
कई ऐसे ऐप्स हैं, जो आपको समय पर उठने में मदद करते हैं. कुछ ऐसे ऐप्स हैं, जो आपको सुझाव देते हैं कि सोने का कौन-सा समय सही रहेगा. कुछ ऐप्स आपको एक्सरसाइज़ और वॉकिंग के लिए प्रेरित करते हैं. वे यह भी बताते हैं कि आपके लिए कितने क़दम चलना ज्ऱरूरी है. आपकी एक्सरसाइज़ रूटीन का भी ध्यान रखते हैं.
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