Ice Craving: जयादा आइस क्रेविंग से ये हो सकते हैं नुकसान, जानिए कैसे

Update: 2024-06-06 06:07 GMT
Reasons For Ice Craving: गर्मी के मौसम में ठंडी ठंडी बर्फ से भरा पानी का गिलास मिल जाए तो तबियत तर हो जाती है. तेज गर्मी में बर्फ का ठंडा पानी, गन्ने का रस या कोई सा भी शरबत बहुत राहत देता है. इस बर्फ से ठंडक हासिल करते हुए कभी आपने सोचा कि इसकी वजह से आपको कुछ नुकसान भी हो सकता है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि शक्कर की तरह बर्फ की भी क्रेविंग होती है, जिसे आइस क्रेविंग ही कहते हैं. गर्मियों में बार बार बर्फ खाने की इच्छा सिर्फ इसलिए नहीं होती कि इससे आपको गर्मी से छुटकारा मिलेगा. बल्कि इस क्रेविंग के कई कारण हो सकते हैं और जिस तरह ज्यादा शक्कर खाने से शरीर को नुकसान होता है, उसी तरह ज्यादा बर्फ खाने से भी नुकसान होते हैं.
ज्यादा बर्फ खाने की वजह और नुकसान | Reasons For Ice Craving And Disadvantage
क्यों होती है आइस क्रेविंग? what is ice craving?
- आइस क्रेविंग की वजह Pica नाम का इटिंग डिसऑर्डर मानी जाती है. जो लोग डिप्रेशन का शिकार हैं, ऑटिस्टिक हैं या शिजोफ्रेनिक हैं वो पिका का शिकार हो सकते हैं. ये बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं में ज्यादा नजर आता है.
- कुछ रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों को आयरन की कमी होती है उन्हें भी बर्फ खाने की क्रेविंग होती है. जो आयरन सप्लीमेंट लेने पर कम भी हो जाती है.
- प्रेग्नेंसी, पीरियड्स के समय और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी आइस क्रेविंग हो सकती है.
- जो लोग किसी इमोशनल (emotional) स्ट्रेस से गुजर रहे हैं. वो भी इसका शिकार हो सकते हैं.
- कुछ लोग डिहाइड्रेशन का शिकार होते हैं. ऐसी स्थिति में बर्फ का टुकड़ा चूसने से उन्हें राहत मिलती है.
आइस क्रेविंग से ये हो सकते हैं नुकसान (These can be the disadvantages of ice craving)
- ज्यादा बर्फ खाने से डेंटल इश्यूज (dental issue) हो सकते हैं.
एकदम ठंडी
बर्फ आपके दांत की इनेमल की परत को डैमेज कर सकती है.
- कुछ लोगों को फ्लेवर्ड ड्रिंक्स में डली बर्फ खाना पसंद होता है. क्रेविंग मिटाने के चक्कर में ज्यादा फ्लेवर्ड ड्रिंक पीने पर वजन भी बढ़ सकता है.
- पिका से पीड़ित होने पर किसी तरह का इंफेक्शन, पेट साफ होने में परेशानी और चोकिंग की शिकायत भी हो सकती है.
आइस क्रेविंग के लिए क्या हैं ट्रीटमेंट (Ice craving treatment)
अगर कोई व्यक्ति आइस क्रेविंग के ईटिंग डिसऑर्डर से परेशान है. तो, इस तरह के पिका के लिए पहले उनकी मानसिक स्थिति समझना जरूरी है. उसके आधार पर उनका ट्रीटमेंट तय होगा. विशेषज्ञ उन्हें एंटीडिप्रेसेंट या एंटी एंग्जायटी ड्रग दे सकते हैं.
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