चेहरे की चमक को कैसे रखें बरकरार

Update: 2023-05-26 17:16 GMT
जी हां, हर कोई चाहता है कि उसका चेहरा हमेशा सुंदर लगे और चमकता रहे। चेहरे की चमक यानि glowing skin के लिए लोग बाजार से महंगे-महंगे ब्राण्ड खरीदते हैं। हम आपको बताते हैं कि बेहद आसानी से आप चमकता हुआ चेहरा कैसे रख सकते हैं।
चेहरे और मुखमण्डल के सौन्दर्य का आसान उपाय
नींबू का रस (दो बार कपड़े से छाना हुआ) 10 ग्राम, ग्लीसरीन 10 ग्राम और गुलाब जल 10 ग्राम-तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर एकरस करके रख लें। इस लोशन को प्रतिदिन रात सोने से पहले चेहरे पर हल्के-हल्के मलने से चेहरा रेशम के समान कोमल और सुन्दर बनता है। चेहरे के दाग, कील, झाइंयाँ, मुँहासे दूर होकर मुखमण्डल की रंगत निखरती है। 15-20 दिन के इस्तेमाल से ही कील मुँहासे दूर होकर चेहरे का रंग साफ हो जाता है और चेहरा मुलायम बन जाता है।
विशेष – नींबू के रस में रोमकूपों को साफ कर उनमें भरे मैल को निकालने की विलक्षण क्षमता है। इस कारण भी त्वचा अधिक स्वच्छ, सुन्दर, अधिक मुलायम और कांतिमान बन जाती है। अधिक महंगे बाजारू लोशनों के स्थान पर नींबू रस से बना हुआ यह लोशन श्रेष्ठ सिद्ध हुआ है, क्योंकि शीत ऋतु की बर्फीली हवाओं से त्वचा की रक्षा करने का अपूर्व गुण इसमें विद्यमान है। इसे हर ऋतु में रात्रि को सोते समय चेहरे व हाथों पैरों पर लगा सकते हैं। शीत ऋतु में दिन में भी लगा सकते हैं। इससे मुखमण्डल गोरा व तेजस्वी होने लगता है। मुँहासों पर यदि ग्लिसरीन न भी हो तो केवल नींबू का रस और गुलाब जल मिलाकर रात्रि सोने से पहले मलने से भी मुँहासे दूर होंगे और दाग भी नहीं पड़ेंगे।
सहायक उपचार- सौंदर्यवर्धक रस-गाजर तीन भाग, टमाटर दो भाग, चुकन्दर एक भाग का रस निकालकर आधा गिलास नित्य लगातार कम-से-कम 15-20 दिन पिया जाये तो चेहरे की झुर्रियाँ, छाया, दाग, मुँहासे दूर होकर चेहर सुन्दर और टमाटर की तरह लाल हो जाता है अथवा इसके स्थान पर केवल गाजर व रस या सन्तरे का रस भी लिया जा सकता है। गाजर का रस इस प्रकार नित्य एक सप्ताह पीने से पेट की कीड़े निकल जाते हैं। अम्लरोग भी ठीक होता है।
रस का सेवन दिन में 3-4 बजे करना उत्तम है। इसके आगे-पीछे कम से कम एक घंटे कुछ खाए पीएँ नहीं। कम से कम 15-20 दिन रसपान करें। दो मास तक कर सकें तो फिर कहना ही क्या !
मुँह के छाले
छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर लगाने से मुँह तथा जीभ के छालों से छुटकारा मिलता है। जो छाले किसी भी दवा से ठीक नहीं हो रहे हों इस दवा के लगाने से निश्चय ही ठीक हसे जाएंगे। दिन में दो-तीन बार लगायें।
विशेष – पेट साफ रखा जाये। अधिक मिर्च मसालेदार पदार्थों से परहेज करें।
विकल्प- रात के भोजन के पश्चात एक छोटी हरड़ चूसें। इससे आमाशय और अंतडियों के दोषों के कारण महीनों ठीक न होने वाले मुँह व जीभ के छाले ठीक हो जाते हैं। हरड़ को चूसते रहने से पाचक अंग शक्तिशाली बन जाते हैं, पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। तुलसी की 4-5 पत्तियाँ नित्य सुबह और शाम चबाकर ऊपर से दो घूंट पानी पीयें। मुँह के छाले व मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है। चार-पाँच दिन खायें। दो ग्राम भुना हुआ सुहागा का बारीक चूर्ण पन्द्रह ग्राम ग्लीसरीन में मिलाकर रख लें। दिन में दो-तीन बार मुँह एवं जीभ के छालों पर लगायें। शीघ्र लाभ होगा।
बच्चों के मुँह के छाले –
मिश्री को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाकर मुँह में लगायें या भुरकाएँ। (मिश्री 8 भाग, कपूर 1 भाग) इससे मुँह के छाले और मुँहपाक मिटता है। यह दवा बच्चों के मुँह आने पर बहुत लाभकारी है।)
बार-बार मुख में छाले होना – जिसे बार-बार मुख के छाले होते रहते हैं, उसे टमाटर अधिक खाने चाहिए।
सहायक उपचार- टमाटर के रस में ताजा पानी मिलाकर कुल्ली करने से मुँह, होंठ और जीभ के छाले दूर हो जाते हैं।
मुखपाक
चार ग्राम फूले हुए सुहागे का बारीक चूर्ण, छ: ग्रेन (तीन रत्ती) कपूर, बारह ग्राम ग्लीसरीन में मिश्रित कर किसी शीशी में भर लें और आवश्यकता के समय मुँह के भीतर घाव पर लगायें। शीघ्र लाभ होगा। जीभ, होठ और मुँह के छालों और घावों के लिए जिसे मुँह का आ जाना कहते हैं, यह श्रेष्ठ दवा है।
मुँहासे (Acne & Pimples)
नींबू के रस में बराबर गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगायें। आधा घंटे बाद चेहरा ताजा जल से धो डालें। दस-पन्द्रह दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाते हैं और मुँह के दाग भी अथवा केवल नींबू के छिलकों को मुँह पर स्नान से पूर्व धीरे- धीरे मलने से और कुछ देर बाद गुनगुने पानी से मुँह धोते रहने से भी कुछ दिनों में मुँहासे दूर हो जाते हैं।
विशेष- मुँहासों को फोडऩा या नोचना नहीं चाहिए। इससे वे और भी ज्यादा फैलते हैं और त्वचा में स्थायी दाग पड़ जाते हैं। उपरोक्त प्रयोग से पहले चेहरे को पानी की भाप से साफ कर लें तो शीघ्र लाभ होगा। कब्ज न होने दें।
विकल्प- जायफल को कच्चे गोदुग्ध में किसी पत्थर पर घिस लें. इतना कि मुँह पर लेप हो जाये। मुँह पर लेप करने के बाद थोड़ी देर सूखने दें। फिर हाथ से रगडक़र उबटन की तरह छुड़ा लें। फिर गुनगुने पानी से धोकर पोंछ लें। दिन में दो बार यह क्रिया करने से दो-तीन दिन में ही मुँहासे दूर होकर मुँहासों के काले दाग-धब्बे मिट जाते हैं और चेहरा निखरता है। चाहे तो जायफल को कच्चे दूध में घिसकर रात सोते समय मुँहासों और काले धब्बों पर लेप करें और प्रात: धो डालें। इससे भी दो-चार सप्ताह में कील, मुँहासे और काले दाग मिटकर मुखमण्डल निखर उठता है।
जैतून का तेल नियमित रूप से लगाने से अनेक प्रकार के मुँहासे व फुन्सियाँ ठीक हो जाती हैं। साथ ही त्वचा पर मुँहासों, फुन्सियों के दाग और निशान भी मिटा देता है। सुबह दातुन करते समय दातुन (नीम की हो तो उत्तम है) के नर्म कूचे को मुँहासों पर फेरने से मुँहासे साफ हो जाते हैं और फिर कभी नहीं निकलते। नीम के पेड़ की छाल अन्दर की तरफ से चन्दन की तरह पानी में घिसकर लेप करने से मुँहासे बैठ जाते हैं। नीला तेल (नीली शीशी में डेढ़ महीने धूप दिखाकर बनाया गया तेल मुँहासों पर लगाते रहने से मुँहासे तथा मुँहासों के दाग मिट जाते हैं।
चेहरे की ताजगी (चेहरे का गुलाब की तरह दिखना)
प्रात: सूर्योदय के समय किसी बगीचे में जाकर छोटे-छोटे पौधों पर पड़ी ओस की बूँदों से किसी स्वच्छ रूमाल को भिगो लें। ओस से भीगे इस रूमाल क धीरे-धीरे चेहरे पर मलिए । चेहरा गुलाब की तरह खिल उठेगा।
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