कहते हैं संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे। अंडे आज हर व्यक्ति का फेवरेट फूड है। एक तो यह जल्दी बन जाता है और दूसरा हेल्दी भी है। ऐसे में अंडों की बिक्री भी धडल्ले से होती है। लेकिन क्या आपने सोचा था कि अंडे सेहत बनाने की बजाए आपको बीमार भी कर सकते हैं। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा। लेकिन यह ख़बर एकदम सच है। आजकल बाजार में धड़ल्ले से नकली अंडे बेचने का कारोबार चल रहा है। बाजार में मिल रहे ये नकली अंडे चीन से आए हैं। इसलिए कुछ लोग इन्हें ‘चाइनीज अंडों’ का नाम दे रहे हैं। इन अंडों को खाने से सेहत बनेगी तो नहीं, उल्टे बहुत नुकसान हो सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं किस तरह आप असली-नकली अंडो की पहचान करें। असली और नकली अंडे में फर्क करना मुश्किल तो है लेकिन फिर भी कुछ चीज़ों से इसमें फर्क किया जा सकता है। आइये जानते हैं।
वास्तविक अंडे के अंदर का पदार्थ हल्के पीले रंग का होता है जबकि प्लास्टिक वाले अंडे के अंदर का पदार्थ गहरे पीले रंग का है। इसलिए अंडे लाते ही उसे सफेद बाउल में फोड़ें । इससे फर्क साफ नजर आएगा।
कैल्शियम कार्बोनेट का आवरण तोड़ने पर कृत्रिम अंडे का भीतरी हिस्सा असली की तुलना में कड़ा होता है। भीतर की पीली जर्दी रबर की गेंद की तरह हो जाती है और थोड़ी ऊंचाई से छोड़ने पर गेंद जैसी उछलती भी है। यह धारदार वस्तु से ही कटती है।
नकली अंडे का छिलका थोड़ा सख्त होता है। यह असली अंडे की तुलना में थोड़ा खुरदुरा भी होता है। इसके अलावा छिलके के अंदर एक रबरनुमा लाइनिंग भी होती है।
नकली अंडे को टपटपाने पर असली अंडे के बजाय कम कठोर आवाज़ सुनाई देती है।
यदि नकली अंडे को तोड़कर कुछ समय के लिए रख देते हैं तो सफेदी और अंडा कुछ ही देर में आपस में मिल जाते हैं,क्योंकि वे बने ही एक अवयव से हैं।
जब आप नकली अंडे को तलते हैं, तो बिना छुए ही अंडे की जर्दी (पीला हिस्सा) फैल जाएगी। आमतौर पर जब आप असली अंडे को तलते हैं, तो इसका पीला हिस्सा पैन में डालने पर भी साबुत बना रहता है। इसे जबतक आप छुएं ना, तबतक यह फैलता नहीं है।
नकली अंडे उबलने पर भी पानी पर तैरते रहते हैं,डूबते नहीं। जलाने पर इन अण्डों के छिलकों से प्लास्टिक के जलने जैसी बदबू आती है। जरदी का रंग भी असली अण्डों की जरदी की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही पीला होता है