Periods के पहले होने वाले चिड़चिड़ापन को ऐसे करें दूर

Update: 2024-08-12 12:05 GMT
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आप जो परेशानी महसूस कर रही हैं, वह प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या PMS है और यह बेहद आम समस्या है। लगभग 40 से 50 प्रतिशत महिलाओं को यह गंभीर रूप से और 20 से 30 प्रतिशत लोगों को हल्के रूप में प्रभावित करता है। पीएमएस को नियंत्रित करने के लिए मेडिकल विकल्प हैं, पर बेहतर होगा कि इसको नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाए जाएं। सेहतमंद जिंदगी जीना, खूब सारा फल, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद आदि से भरपूर खाना खाएं।
यह डाइट खासतौर से पीरियड से एक सप्ताह से लेकर 10 दिन पहले से लेना शुरू कर दें। नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम जैसे टहलना, स्ट्र्रेंचग, योग व ध्यान आदि करें। एक्यूप्रेशर से बहुत राहत मिलती है। इसके अलावा खुद को मानसिक रूप से इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करने की जरूरत है। अपने मन को समझाएं कि यह शरीर में होने वाला सामान्य बदलाव है, जो हार्मोनल बदलावों के कारण होता है और मुझे खुद ही इसका सामना करने का तरीका तलाशना होगा। कैफीन, नमक, चॉकलेट और मीठा आदि का सेवन इस दौरान कम करने से भी मदद मिलती है। पानी खूब पीना, गुनगुने पानी से नहाना और टब में गुनगुना पानी भरकर उसमें बैठने से भी पीएमस को मैनेज करने में खूब
मदद
मिलती है।
चेहरे पर बाल होना पीसीओएस के प्रमुख Side Effects में से एक है। इसके लिए अपने सभी हार्मोन की जांच करवाकर उसके अनुसार दवाओं के सेवन का सुझाव दिया जा सकता है। ये दवाएं चेहरे पर बालों के ग्रोथ को नियंत्रित करेंगी। साथ ही पीसीओएस का सही इलाज भी जरूरी है। पीसीओएस को नियंत्रित करने में जीवनशैली से जुड़े बदलाव अहम भूमिका निभाते हैं। अपने आहार में जरूरी बदलाव लाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें।
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