लड़कियां जितना कॉक्रोच या छिपकली से नहीं डरतीं, उससे कहीं ज़्यादा डरती हैं ऐक्ने से! अगर आपके चेहरे पर भी ऐक्ने ने धावा बोल दिया है तो आपको इन्हें देखकर डरने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि हमें इस बात को स्वीकार करना होगा. आपको अपने आनेवाले कुछ साल इन्हीं के साथ बिताने हैं. वैसे ज़्यादातर लोगों के ऐक्ने आते और चुपचाप चले जाते हैं. अधिकतर मामलों में ये मुंहासे बिना कोई निशान छोड़े विदाई ले लेते हैं. पर कुछ लोगों को ये ऐक्ने दर्द के साथ ही लाल रंग के भद्दे निशानों की सौगात दे देते हैं. अगर आप भी इसी तरह के दर्दभरे अनुभव से गुज़र रही हैं तो हो सकता है कि आप हार्मोनल ऐक्ने की समस्या से जूझ रही हों. आइए पहले जानें, आख़िर ये हार्मोनल ऐक्ने हैं क्या और इनसे कैसे निपटा जा सकता है?
आख़िर ये हार्मोनल ऐक्ने कौन-सी बला हैं?
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, इन ऐक्ने का संबंध आपके शरीर के हार्मोनल लेवल से होता है. इस तरह के ऐक्ने टीनएजर्स यानी किशोरों के बजाय वयस्कों में ज़्यादा कॉमन होते हैं. कई शारीरिक कारणों, जैसे-मेनोपॉज़, प्रेग्नेंसी और मेन्स्ट्रुअल साइकल की वजह से शरीर के हार्मोन्स का स्तर ऊपर-नीचे होते रहता है, जिसके कारण हार्मोनल ऐक्ने परेशान करते हैं. हार्मोनल ऐक्ने के दूसरे कारण हैं-स्ट्रेस, केमिकल युक्त स्किन केयर प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल से बंद हुए त्वचा के रोमछिद्र तथा कुछ दवाइयों के साइड-इफ़ेक्ट्स आदि. सिस्ट और नूडल्स हार्मोनल ऐक्ने के सबसे आम लक्षण हैं. किशोरावस्था में आमतौर पर हार्मोनल ऐक्ने टी-ज़ोन यानी माथे, नाक और चिन पर आते हैं. वहीं आम मुंहासे गाल के निचले हिस्से, चिन और जॉलाइन पर आते हैं.
क्या इसका संबंध आपके खानपान से भी है?
हालांकि डायट हार्मोनल ऐक्ने का मुख्य कारण नहीं है, पर ख़राब डायट से ऐक्ने की समस्या और गंभीर हो सकती है. वसा और कार्बोइड्रेट्स से सीबम का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिससे ऐक्ने होते हैं. अगर आप हार्मोनल ऐक्ने को रोकना चाहती हैं तो आपको रिफ़ाइन्ड ग्रेन वाले खानपान से दूरी बना लेनी चाहिए, जैसे-पास्ता, सीरियल्स और ब्रेड, एरेटेड ड्रिंक्स और मिठाइयां, डेयरी प्रॉडक्ट्स, जैसे-दूध और चीज़, फ़ास्टफ़ू्ड्स, जैसे-बर्गर, पेस्ट्री, सॉसेज और डार्क चॉकलेट्स.
हार्मोनल ऐक्ने से निपटने के प्राकृतिक तरीक़े
टी ट्री ऑयल और ग्रीन टी हार्मोनल ऐक्ने को ठीक करनेवाली प्राकृतिक चीज़ें हैं. ट्री टी ऑयल को त्वचा पर लगाने पर उसका ऐंटी-इन्फ़्लेमेटरी इफ़ेक्ट हल्के से लेकर मध्यम हार्मोनल ऐक्ने को ठीक करने में बेहद कारगर साबित होता है. वहीं दूसरी तरफ़ ग्रीन टी में पॉलिफ़िनोल्स की ख़ासी मात्रा होती है, जो सीबम के प्रोडक्शन को रोककर ऐक्ने का उपचार करने में सहायक हैं.