कैसे चुनें हेल्दी कुकिंग ऑयल

Update: 2023-08-09 16:14 GMT
लाइफस्टाइल: क्या आपको मालूम है, विश्व के 60 प्रतिशत दिल के मरीज भारत में हैं. दुनियाभर में पिछले 25 सालों में दिल से जुड़ी समस्याओं की वजह से होनेवाली मौतों के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. सेहतमंद लाइफ़स्टाइल न फ़ॉलो करना इसकी एक बड़ी वजह है. हमारी डायट भी दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. संतुलित आहार के साथ-साथ आपको सक्रिय जीवनशैली भी फ़ॉलो करना चाहिए. सही इन्ग्रीडिएंट्स के कॉम्बिनेशन से आप अपने खाने को हेल्दी बना सकते हैं. इसी श्रृंखला में आपको अपने कुकिंग ऑयल को कई सारे पैमानों पर परख कर चुनना चाहिए. कुकिंग ऑयल फ़ैट से बनते हैं, जिनमें से कुछ अच्छे फ़ैट्स होते हैं, तो कुछ हमारी सेहत के लिए ख़राब. इसलिए कुकिंग ऑयल चुनते समय ज़्यादा सतर्कता बरतने की ज़रूरत होती है. लेकिन जब बात सही तेल चुनने की आती है, तो हमें समझ ही नहीं आता कि कौन-सा ऑयल हमारी सेहत के लिए सही रहेगा. दरअस्ल, हमें कुकिंग ऑयल ख़रीदते समय विज्ञापनों और दावों से ज़्यादा सही इन्ग्री‌डिएंट्स पर ध्यान देना चाहिए. अपनी समस्याओं को देखते हुए समय-समय पर अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स वाले ऑयल्स को अपनी डायट में शामिल करना चाहिए. हम यहां एक्स्पर्ट की मदद से आपको बता रहे हैं ऐसे 5 मुख्य इन्ग्रीडिएंट्स, जिन्हें कुकिंग ऑयल को अपने शॉपिंग कार्ट में डालने से पहले उनकी इन्ग्रीडिएंट की लिस्ट में ज़रूर तलाशें. एक अच्छी गुणवत्ता वाला तेल न केवल हमें मनचाही चीज़ें खाने की आज़ादी देगा, बल्कि साथ ही हमें बीमारियों से भी दूर रखेगा.
हाई ओमेगा-3
इन्फ़्लैमेशन से लड़ने में मदद करता है.
ओमेगा-3 इन्फ़्लैमेशन से लड़ता है और रक्त में कोलेस्टेरॉल स्तर को सामान्य बनाए रखता है. ओमेगा-3 आमतौर पर सीफ़ूड में मिलता है. यदि आप वेजेटे‌रियन हैं, तो आपके कुकिंग ऑयल में ओमेगा-3 का होना और भी ज़रूरी हो जाता है.
ओमेगा-6 से ओमेगा-3 का आदर्श अनुपात
दिल की संपूर्ण सेहत को बनाए रखने में मदद करता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च का कहना है कि कुकिंग ऑयल में ओमेगा-6 से ओमेगा-3 तक का अनुपात 5 और 10 के बीच होना चाहिए. यह अनुपात हमारे सेवन के लिए उपयुक्त है.
हाई मोनोसैचुरेटेड फ़ैटी एसिड्स (एमयूएफ़ए)
ऑयल का एब्ज़ॉर्प्शन कम करता है.
मोनोसैचुरेटेड फ़ैट्स के कई सेहत से जुड़े फ़ायदे होते हैं. यह खाना बनाते समय तेल के एब्ज़ॉर्प्शन को कम करते हैं, जिससे खाना हल्का बनता है. इनका हल्का होना खाने को पचाने में सुलभ बनाता है. यह खाने के न्यूट्रिएंट्स को बनाए रखने और उनका स्वाद बरक़रार रखने में मदद करते हैं.
लोअर सैचुरेटेड फ़ैट्स
मोटापा कम करने में मदद करता है.
घी, नारियल तेल और बेकरी प्रॉडक्ट्स से हम बड़े पैमाने पर सैचुरेटेड फ़ैट्स लेते रहते हैं, इसलिए कुकिंग ऑयल में जितना कम सैचुरेटेड फ़ैटी एसिड्स हों, उतना बेहतर होगा. सैचुरेटेड फ़ैट्स का हाई इनटेक मोटापा बढ़ा सकता है और लाइफ़स्टाइल से जुड़ी समस्याएं भी दे सकता है.
गामा ऑरिज़नॉल
ख़राब कोलेस्टेरॉल को कम करता है.
ऑरिज़नॉल ख़राब कोलेस्टेरॉल (एलडीएल) को कम करने और अच्छे कोलेस्टेरॉल (एचडीएल) को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. यदि आप दिल की सेहत को सुधारना चाहते हैं, तो अपने तेल की की-इन्ग्री‌डिएंट सूची में गामा ऑरिज़नॉल को ज़रूर तलाशें.
विटामिन ए, डी और ई
न्यूट्रिशन देता है.
विटामिन ए आंखों की रौशनी को बेहतर बनाता है और तनाव व ख़राब जीवनशैली से हुई क्षति को दुरुस्त करने में भी मदद करता है. विटामिन डी इम्यूनिटी के लिए बहुत अहम् है और यह हमारी हड्डियों को भी मज़बूत बनाता है. विटामिन ई, एक ऐंटीऑक्सिडेंट है, जो हमारे शरीर में फ्री रैडिकल्स को कम करता है. हमारे शरीर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए ज़रूरी ये सभी इन्ग्रीडिएंट्स यदि तेल से भी मिलें, तो इससे बेहतर क्या होगा?
इन बातों का भी रखें ख़ास ख़्याल
* हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि तेल के इन्ग्रीडिएंट्स सूची में सबसे ऊपर लिखे दो या तीन इन्ग्रीडिएंट्स ही महत्वपूर्ण होते हैं, बाक़ी सभी इन्ग्रीडिएंट्स की मात्रा तेल में बहुत ही कम होती है.
* हाइड्रोजेनेटेड ऑयल का सेवन न करने की कोशिश करें.
* अपनी डायट को समृद्ध बनाने के लिए आपको कुकिंग के लिए एक से ज़्यादा तेल का इस्तेमाल करना चाहिए. दोनों ही तेल के प्रमुख इन्ग्रीडिएंट्स बिल्कुल अलग हों, ताकि आपको सारा पोषण मिल सके.
* वहीं राइस ब्रैन या मूंगफली या तिल के साथ कैनोला ऑयल या फिर सरसों का तेल या फिर सोयाबीन ऑयल में से किसी एक का कॉम्बिनेशन आप रोज़मर्रा के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं. फूलों वाले तेल के साथ सरसों के तेल का कॉम्बिनेशन पोषण के लिहाज़ से सही रहेगा.
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