भारत में कुल कितने विश्व धरोहर स्थल हैं, जानिए विरासत का इतिहास

दुनियाभर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में कई अद्भुत निर्माण विरासत हैं जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही हैं

Update: 2022-04-11 05:06 GMT

 भारत में कुल कितने विश्व धरोहर स्थल हैं, जानिए विरासत का इतिहास

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जा रहा है। दुनिया में कई अद्भुत निर्माण विरासत हैं जो वक्त के साथ जर्जर होती जा रही हैं। इनके स्वर्णिम इतिहास और निर्माण को बचाने के लिए विश्व विरासत दिवस या विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। वैसे तो कई सारी विश्व धरोहरें हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्द हैं लेकिन अगर हम भारतीय विश्व धरोहरों की बात करें तो भारत में वर्तमान में 40 विश्व धरोहरे हैं। यूनेस्को ने भारत में कुल 40 विश्व धरोहरें घोषित की है। इनमें सात प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक और एक मिश्रित स्थल हैं। भारत में सबसे पहली बार एलोरा की गुफाओं (महाराष्ट्र) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। वहीं अगर 39वीं और 40वीं विश्व विरासत की बात करें तो कालेश्वर मंदिर तेलंगाना में स्थित है। वहीं 40वां विश्व धरोहर हड़प्पा सभ्यता का शहर धोलावीरा है। वहीं यूनेस्को द्वारा घोषित सबसे ज्यादा विश्व विरासत महाराष्ट्र में है। महाराष्ट्र में पांच यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं। विश्व धरोहर दिवस पर भारत की सभी विश्व विरासत के बारे में जानिए। यहां यूनेस्को विश्व विरासत की पूरी लिस्ट दी जा रही है।

विश्व विरासत स्थल का इतिहास
एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र में स्थित हैं। 1983 में इसे विश्व धरोहर बनाया गया।
आगरा का लाल किला उत्तर प्रदेश में स्थित है। लाल किले को विश्व विरासत 1983 में घोषित किया गया।
महाराष्ट्र में स्थित अजंता की गुफाओं को 1983 में विश्व विरासत बनाया गया।
तमिलनाडु के महाबलीपुरम स्मारक को 1984 में विश्व धरोहर घोषित किया गया है।
उड़ीसा के कोणार्क में सूर्य मंदिर को 1984 में यूनेस्को ने धरोहर घोषित किया।
1985 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम को विश्व विरासत बनाया गया।
राजस्थान में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1985 में विश्व विरासत घोषित किया गया।
1985 में असम के मानस वन्यजीव अभयारण्य को धरोहर घोषित किया गया।
मध्य प्रदेश के खजुराहो स्मारकों के समूह को 1986 में विश्व धरोहर बनाया गया।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी को 1986 में धरोहर निर्धारित किया।
कर्नाटक के हम्पी शहर में स्थित स्मारकों को 1986 में भारतीय धरोहरों की लिस्ट में शामिल किया गया।
गोवा के चर्च और कान्वेंट को 1986 में धरोहरों की सूची में जगह दी गई।
1987 में कर्नाटक के ही पत्तदकल के स्मारकों के समूह को यूनेस्को ने विश्व धरोहर बनाया।
महाराष्ट्र के एलीफेंटा गुफाओं को 1987 में विश्व धरोहर घोषित किया गया।
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल 1987 को विरासत बनाया गया।
तमिलनाडु के चोल मंदिर को 1987 में विश्व धरोहर घोषित किया गया।
उत्तराखंड की नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया।
मध्य प्रदेश के सांची के बौद्ध स्मारक को 1989 में विश्व धरोहर बनाया गया।
दिल्ली का हुमायूं का मकबरा भी विश्व धरोहर है।
दिल्ली के कुतुब मीनार और स्मारक को विश्व विरासत घोषित किया गया।
2016 में चंडीगढ़ के कैपिट काॅम्पलेक्स को विश्व विरासत बनाया गया।
भारत के पर्वतीय रेलवे विभिन्न भारतीय राज्य को विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया।
बिहार के बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर को साल 2002 में विश्व विरासत घोषित किया गया।
मध्य प्रदेश की भीमबेटका को साल 2003 में विश्व धरोहर बनाया गया।
गुजरात के चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क को विरासत की लिस्ट में शामिल किया गया।
महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल को साल 2004 में विश्व विरासत बनाया गया।
दिल्ली के लाल किला परिसर को 2007 में विश्व धरोहर बना दिया।
राजस्थान के जयपुर जंतर मंतर को साल 2010 को विश्व धरोहर बना दिया गया।
पश्चिमी घाट विभिन्न भारतीय राज्य को 2012 विरासत बना दिया है।
गुजरात के पाटन में रानी की वाव (रानी की बावड़ी को साल 2014 में विश्व विरासत स्थल में जोड़ा गया।
हिमाचल प्रदेश के ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान को साल 2014 में विश्व धरोहर बनाया गया।
सिक्किम के खंगचेंदजोंगा राष्ट्रीय उद्यान को साल 2016 नें विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल किया गया।
बिहार के नालंदा महाविहार के पुरातत्व स्थल को विश्व धरोहर बनाया गया।
गुजरात के अहमदाबाद को ऐतिहासिक शहर को विश्व विरासत स्थलों की लिस्ट में शामिल किया गया।
2018 में महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित विक्टोरियन गोथिक को धरोहर बना दिया गया।
राजस्थान का जयपुर शहर विश्व विरासत है।
तेलंगाना के कालेश्वर (रामप्पा) मंदिर को 2021 में विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल करें।
गुजरात के धोलावीरा को साल 2021 में विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया।
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