Stem cell transplant ब्लड कैंसर के इलाज में कितना असरदार

Update: 2024-06-20 13:17 GMT
Stem cell ट्रांसप्लांट : बोन मैरो में स्टेम सेल ते हैं जो नया खून बनाते रहते हैं। इनमें से किसी भी एक सेल के खराब होने से कैंसर सेल बनने लगते हैं। ब्लड कैंसर होने पर बोन मैरो में CANCER के सेल ज्यादा बनते हैं एवं साधारण सेल बनना बंद हो जाते है।
इसलिए इलाज के दौरान इन कैंसर कोशिकाओं को कैंसर कीमोथेरेपी द्वारा नष्ट किया जाता है। इसके बाद साधारण खून बनना शुरू हो जाता है। कुछ सेल्स अगर बच जाएं तो कैंसर वापिस आने की संभावना बनी रहती है। इसी संभावना को कम करने के लिए अधिक मात्रा में कीमोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।
कब बन सकता है नया खून
वह मात्रा इतनी अधिक होती है कि मरीज के सारे STEM सेल पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं और खून बनने की संभावना नहीं रहती। इसलिए मरीज को किसी अन्य व्यक्ति के स्टेम सेल चढ़ाने पड़ते हैं और वो सेल अपनी जगह बनाकर नया खून बनाते हैं।
इस बात का रखें ध्यान
इससे पहले हाई डोज कीमोथेरेपी के कई साइड इफेक्ट होते हैं। दूसरे सेल मरीज के शरीर में अपना घर बनाने के लिए 3 से 4 हफ्ते का समय लेते हैं। इस दौरान मरीज को 
Infection 
एवं अधिक ब्लीडिंग होने का खतरा बना रहता है।
स्टेम डोनर का चुनाव भी है कठिन
कई बार डोनर के बाहर के सेल मरीज के शरीर में अपना घर नहीं बना पाते हैं। इन सब के कारण मरीज की जान का खतरा बना रहता है। इसलिए के लिए स्टेम सेल देने वाले डोनर का चयन करना भी एक जटिल प्रक्रिया है।
बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के फायदे और नुकसान
बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन कई बीमारियों में मरीज को स्वस्थ रखने का एकमात्र तरीका है जैसे Thalassemia, सिकल सेल अनिमिया और अप्लास्टिक अनिमिया। इस प्रक्रिया में रिस्क जरूर है पर फायदे कई गुणा ज्यादा हैं।
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