Health Tips: थॉयराइड से परेशान हैं, तो रोज करें यह 4 योगासन, मिलेगा आराम

Update: 2024-06-13 06:39 GMT
Thyroid: थायराइड Thyroidकी समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। स्ट्रेसफुल लाइफ, भागदौड़ और फीलिंग्स ना शेयर करना महिलाओं में थायरारइड ग्लैंड को एक्टीवेट या फिर अंडर एक्टीवेट कर देती है। ऐसे में कुछ योगासन थायराइड की समस्या से नेचुरली राहत दिला सकते हैं।
सर्वांगसन Sarvangasana
सर्वांगसन योग करने के लिए योगा मैट पर लेट जाएं। फिर अपने पारों को ऊपर की ओर उठाएं हौ पूरे 90 डिग्री एंगल पर ले जाएं। हिप को हाथों सपोर्ट देते हुए उठाएं और चेस्ट को भी ऊपर की तरफ उठा दें। जिससे शरीर बिल्कुल एक सीध में ऊपर की ओर उठ जाए। सर्वांगसन को करने से हाइपो थायराइड Thyroidऔर हाइपर थायराइड दोनों में आराम मिलता है। इसके साथ ही ये आसन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करता है। महिलाओं के लिए इस योग के काफी सारे फायदे हैं। जिसमे गर्दन, कंधे की स्ट्रेचिंग के लेकर हिप और पैरों की मसल्स की टोनिंग भी शामिल है।
मत्स्यासन Matsyasana
मत्स्यासन करने से चेस्ट, एब्स की स्ट्रेचिंग के साथ ही हिप फ्लैक्सिबल होता है और गर्दन पर भी असर होता है। वहीं फिश पोज शरीर के दो चक्रों पर असर डालता है। पहला है थ्रोट चक्र, जो कम्यूनिकेशन और सेल्फ एक्सप्रेशन से जुड़ा है। वहीं दूसरा है क्राउन चक्र, जो सिर के ऊपरी हिस्से में होता है। जो ज्ञान और बुद्धि से जुड़ा है। इन दोनों चक्रों को जगाने का काम मत्स्यासन करता है।
ऊष्ट्रासन Ustrasana
कैमल पोज करने से कमर, कंधे और गर्दन में खिंचाव पैदा होता है। जिससे राहत मिलती है। वहीं हिप ओपनिंग के साथ ही उष्ट्रासन करने से सांस नली में होने वाली ब्लॉकेज भी दूर होती है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। गर्दन में खिंचाव की वजह से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ग्लैंड एक्टिवेंट होती है।
भुजंगासन Bhujangasana
भुजंगासन करने से रीढ़ की हड्डी फ्लैक्सिबल होने के साथ ही मजबूत होती है। साथ ही चेस्ट, कंधे, और फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। जिससे स्ट्रेस कम होता है। स्ट्रेस कम होने से थायराइड ग्लैंड ठीक से फंक्शन करती है और हाइपोथायराइड की समस्या से राहत मिलती है।
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