Health: जिनमें बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियाँ शामिल हैं। इसके साथ ही, किडनी में पथरी आना भी एक आम समस्या बन गई है। हालांकि, छोटी पथरी के मामले आमतौर पर ज्यादा परेशान नहीं करते, लेकिन गंभीर स्थितियों में यह असहनीय दर्द का कारण बन सकती है।
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसका मुख्य कार्य खून को शुद्ध करना और पेशाब का उत्पादन करना है। इसके अलावा, किडनी हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों और पेय से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करती है। लेकिन जब ये विषाक्त पदार्थ पूरी तरह से किडनी से बाहर नहीं निकल पाते, तो यह धीरे-धीरे जमा होकर पथरी में बदल जाते हैं। अगर इस समस्या का समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो पथरी किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती है, जो किडनी फेलियर का कारण भी बन सकती है |
जानिए किडनी में पथरी होने के लक्षण क्या हैं?
पेट में और उसके आसपास दर्द:
किडनी में पथरी होने के कारण तेज और तीव्र दर्द हो सकता है, जो खासतौर पर पीठ, पेट और निचले हिस्से में महसूस होता है। जब पथरी मूत्र मार्ग में प्रवेश करती है, तो यह मूत्र नलिकाओं को ब्लॉक कर देती है, जिससे पेशाब करना मुश्किल हो जाता है और किडनी पर दबाव बढ़ता है। यह दर्द बहुत ही असहनीय हो सकता है और कभी-कभी दर्द के कारण मरीज को आराम से बैठने या लेटने में भी कठिनाई होती है। पथरी जब मूत्रवाहिनी में फंस जाती है, तो दर्द और भी बढ़ सकता है, जिसे अक्सर "कोलिकी दर्द" कहा जाता है।
पेशाब करते समय दर्द या जलन:
पेशाब करते समय दर्द या जलन होना किडनी स्टोन का एक और सामान्य लक्षण है। जब पथरी मूत्रमार्ग में चली जाती है, तो यह रास्ते में रुकावट उत्पन्न करती है, जिससे पेशाब के दौरान तेज जलन या असहनीय दर्द होता है। इस स्थिति को डिस्यूरिया कहा जाता है। इसके अलावा, मूत्र के साथ खून आना भी इस दौरान हो सकता है, जिससे पेशाब करना और भी कठिन और दर्दनाक हो जाता है। यह लक्षण आमतौर पर पथरी के मूत्रमार्ग में प्रवेश करने पर महसूस होता है।
पेशाब में खून आना:
किडनी पथरी के सबसे आम और खतरनाक लक्षणों में से एक है पेशाब में खून आना, जिसे हेमट्यूरिया कहा जाता है। इस स्थिति में पेशाब का रंग लाल, गुलाबी या भूरा हो सकता है, और कभी-कभी खून की मात्रा इतनी कम होती है कि उसे बिना माइक्रोस्कोप के देखा नहीं जा सकता। खून आना किडनी में पथरी के टुकड़ों के मूत्र मार्ग में घर्षण करने के कारण होता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है, और यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए तो रक्तस्राव बढ़ सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
पेशाब में दुर्गंध:
किडनी में पथरी की समस्या होने पर मूत्र में तेज दुर्गंध आ सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि पथरी की वजह से मूत्र का प्रवाह रुक जाता है, और इससे बैक्टीरिया का जमाव बढ़ सकता है, जिससे मूत्र की गंध बदल जाती है। यदि किसी व्यक्ति को मूत्र में असामान्य गंध महसूस हो, तो यह किडनी पथरी के होने का संकेत हो सकता है। हालांकि, मूत्र में दुर्गंध बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी हो सकती है, जो मूत्र पथ को प्रभावित करता है। इसलिए यदि आपको किसी प्रकार की असामान्य गंध महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, क्योंकि यह स्थिति संक्रमण का भी संकेत हो सकता है।
अतिरिक्त लक्षण जो किडनी में पथरी के हो सकते हैं:
बुखार और ठंड लगना: यदि पथरी के कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाता है, तो बुखार और ठंड लगने के लक्षण भी दिख सकते हैं। यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
मतली और उल्टी: किडनी पथरी के चलते शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमा होना शुरू हो सकता है, जिससे मतली और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है। यह लक्षण दर्द और पथरी के प्रभाव के कारण उत्पन्न हो सकता है।
पेट में सूजन: पथरी के कारण किडनी में सूजन आ सकती है, और इसे महसूस किया जा सकता है। यह सूजन शरीर में पानी की अधिकता या पथरी के कारण रक्त वाहिकाओं में दबाव बनने के कारण होती है।
किडनी स्टोन को रोकने के लिए नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना बेहद जरूरी है, जो किडनी की सेहत को बनाए रखने और पथरी को बनने से रोकने में मदद कर सकते हैं। यदि आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करें...
तुलसी: तुलसी में मौजूद औषधीय तत्व किडनी स्टोन के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। तुलसी के पत्तों का रस लेने से किडनी स्टोन का आकार घट सकता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। आप इसे ताजे तुलसी के पत्तों का रस या तुलसी चाय के रूप में ले सकते हैं।
पानी: किडनी स्टोन को नियंत्रित करने का सबसे सरल तरीका है अधिक पानी पीना। दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पीने से मूत्र की अधिक मात्रा शरीर से विषाक्त पदार्थों और किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद करती है। पानी मूत्र को पतला करता है, जिससे पथरी का आकार छोटा हो सकता है और यह आसानी से बाहर निकल जाती है। इसके अलावा, पानी किडनी के सही कार्य में भी सहायक है।
नींबू का रस: नींबू का रस किडनी स्टोन को रोकने और इलाज करने में प्रभावी साबित हो सकता है। यह साइट्रिक एसिड से भरपूर होता है, जो किडनी स्टोन के निर्माण को रोकता है और पथरी के आकार को कम करने में मदद करता है। नींबू का रस किडनी में कैल्शियम ऑक्सलेट के जमाव को कम करने में सहायक होता है, जो स्टोन के निर्माण का कारण बनता है। आप इसे सुबह के समय गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं, जिससे स्टोन से राहत मिल सकती है।
इन सामग्रियों को नहीं खाना चाहिए
मांसाहारी भोजन: मांसाहारी भोजन में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। किडनी स्टोन होने पर, आपको प्रोटीन का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ज्यादा प्रोटीन से शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पथरी का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए, अंडे, दही, मछली, चिकन, छोले और दालों से बने खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इनसे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और पथरी की समस्या बढ़ सकती है।
कोल्ड ड्रिंक्स: किडनी स्टोन की समस्या होने पर कोल्ड ड्रिंक्स से बचना चाहिए। इनमें फॉस्फोरिक एसिड की बड़ी मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन के गठन को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, इन पेयों में अधिक चीनी भी होती है, जो शरीर में जलन और सूजन पैदा कर सकती है, जिससे पथरी और बड़ी हो सकती है। इसलिए, ठंडे पेय पदार्थों के बजाय, पानी या ताजे फल और सब्जियों के जूस का सेवन करना चाहिए।
नमक: किडनी स्टोन वाले लोगों को अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि नमक में सोडियम होता है। सोडियम शरीर में प्रवेश करने के बाद कैल्शियम से मिलकर किडनी स्टोन का निर्माण कर सकता है। अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं तो यह किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकता है और पथरी का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए, खाने में नमक का सेवन सीमित रखें और ज्यादा नमकीन भोजन से बचें।