Health and Fitness: तन के साथ ही मन से भी हेल्दी रहना हो तो योग को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए. हर एक योगासन और प्राणायाम के अलग-अलग फायदे होते हैं| इनमें से एक प्राणायाम है अनुलोम-विलोम. यह करने में भी ज्यादा मुश्किल नहीं होता है. सबसे पहले सुखासन या वज्रासन में आराम से बैठ जाना चाहिए. इस दौरान पीठ बिल्कुल सीधी रखें. और फिर सांस को बाहर छोड़ दें. दाईं नासिका पर अंगूठा रखें और बाईं नासिका से सांस अंदर की ओर खींचें. इसके बाद अंगूठें को हटा लें और बाईं नासिका पर लगा लें, इस दौरान दाईं नासिका से सांस को छोड़ें, पुनः इसी नासिका से सांस खींचें और फिर बाईं से छोड़ें. इसी प्रकार प्रक्रिया को दोहराते रहें. रोजाना अगर कुछ देर के लिए अनुलोम-विलोम का अभ्यास किया जाए तो कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं.
अनुलोम-विलोम करते वक्त कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे पेट खाली होना चाहिए, शुरुआत 5 मिनट से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 15 मिनट से 30 मिनट तक किया जा सकता है. इसके अलावा वातावरण आरामदायक और शांत होना चाहिए. फिलहाल जान लेते हैं रोजाना अनुलोम-विलोम का अभ्यास करने से क्या फायदे मिलते हैं.
दिल रहता है हेल्दी
अनुलोम-विलोम का अभ्यास करने से दिल को भी फायदा मिलता है, क्योंकि इसके अभ्यास से ब्लड फ्लो सुधरता है जिससे ब्लॉकेज होने का डर नहीं रहता, साथ ही ये प्राणायाम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने में भी कारगर रहता है, जिससे आपका दिल हेल्दी बनता है.
स्ट्रेस से मिलेगी राहत
रोजाना कुछ देर अनुलोम-विलोम करने से स्ट्रेस से राहत मिलती है और नेगेटिव थिंकिंग वालों के लिए भी ये प्राणायाम काफी फायदेमंद है. अनुलोम-विलोम के अभ्यास से तनाव कम होता है, जिससे नींद के पैटर्न में भी सुधार होता है.
अनुलोम-विलोम का अभ्यास पेट के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे पाचन तंत्र हेल्दी बनता है और आप कई समस्याओं जैसे अपच हो जाना, खाने के बाद पेट फूलने लगना, गैस से पेट में दर्द होना जैसी दिक्कतों से बचे रहते हैं.