सदियों से हम दादी-नानी के जिन नुस्ख़ों और कहावतों पर अमल करते आ रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि समय के साथ, उनमें कुछ बदलाव लाज़मी है? वातावरण में बढ़ते प्रदूषण और हमारी बदली हुई लाइफ़स्टाइल के चलते बाल, त्वचा और सेहत से जुड़े इन तमाम नुस्ख़ों में परिवर्तन अब ज़रूरत बन गया है. हमने एक्स्पर्ट्स से बात करके जाना इन नुस्ख़ों में किन ट्विस्ट्स के साथ हम इन्हें अपना सकते हैं.
दादी मां का नुस्ख़ा: दिनभर में आठ ग्लास पानी पीना चाहिए
एक्सपर्ट की सलाह: ये बिल्कुल सही है कि ज़्यादा पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और यह डीटॉक्सिफ़िकेशन में सहायक है, पर इसके साथ-साथ सुबह-सुबह नींबू पानी पीना चाहिए. यह लिवर के डीटॉक्सिफ़िकेशन में सहायक है. पहले सुबह-सुबह उठकर लोग ब्रश करने के लिए केमिकल युक्त पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करते थे, दातून करते थे. वह किसी न किसी पेड़ के डंठल होते थे, हर्बल होते थे, प्राकृतिक होते थे. और फिर वे सुबह-सुबह ही रातभर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते थे. यह उनके दिन की शुरुआत में उनके हाइड्रेशन लेवल को बनाए रखने के लिए पर्याप्त होता था और डीटॉक्सिफ़ायर की तरह काम करता था. आज के समय में हम पानी पीना ही भूल जाते हैं और जब तक हमें इस बात का एहसास होता है कि प्यास लग रही है, हमारा शरीर डीहाइड्रेशन में पहुंच चुका होता है. ऐसे में यदि हम सुबह-सुबह नींबू पानी लें तो बेहतर रहता है, क्योंकि हम कितना भी सोचकर खाएं, हम इतना ज़्यादा घी-तेल खा लेते हैं, जिसे फ़्लश आउट करने में नींबू पानी क्लेंज़िंग एजेंट की भूमिका निभाता है. इसके अलावा दिनभर पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखना सही आदत है.