जमीन पर बैठकर भोजन करना बढाता है आपकी उम्र

Update: 2023-07-02 16:06 GMT
अक्सर आपने देखा होगा कि कई लोग भोजन करते समय नीचे आँगन पर बैठकर ही भोजन करना पसंद करते हैं जो कि पुराने समय से ही भोजन प्रक्रिया में शामिल हैं। लेकिन आजकल की नई जनरेशन इसे पुराना मानकर डाइनिंग टेबल या खड़े होकर भोजन करना पसंद करती हैं। क्योंकि वे नीचे बैठकर भोजन करने के फायदों के बारे में नहीं जानते हैं। जी हाँ, जमीन पर बैठकर खाने के ढेर सारे फायदे होते हैं। यह एक अच्छी आदत की तरह है। आज हम आपको यहीं बताने जा रहे हैं कि किस तरह जमीन पर बैठकर भोजन करना बढाता है आपकी उम्र।
* पाचन में मददगार
जिस स्थिति में हम बैठकर खाना खाते हैं वह सुखासन की स्थिति है। ऐसे में आप खाना खाने के साथ योगा भी कर रहे होते हैं। सुखासन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। बैठकर खाना खाने के दौरान हम खाने का कौर निगलने के लिए झुकते हैं और फिर ऊपर आते हैं। इससे हमारे पेट की मांसपेशियां बेहतर पाचन के लिए तैयार होती हैं।
* वजन में कमी
हमारे शरीर में एक नस होती है वेगस नर्व। इसका काम हमारे दिमाग को यह सिग्नल पहुंचाना होता है कि हमारा पेट अब भर चुका है। इससे हम भूख से ज्यादा नहीं खा पाते। जब हम कुर्सी पर बैठकर खाते हैं तब यह नस ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाती। इससे दिमाग को पेट भरने का सिग्नल नहीं मिलता और हम ज्यादा खाना खाने लगते हैं। इससे मोटापा तो आना ही है। ऐसे में बैठकर खाना ही ज्यादा उचित है।
* लचक बनाए रखने में
जब हम जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं तब हमारे घुटने, रीढ़, छाती और हिप्स में एक तरह का खिंचाव होता है जो इन्हें फ्लेक्सिबल बनाता है। यह पोजिशन आपकी बॉडी को मजबूत और लचकदार बनाने में मददगार होता है। जबकि कुर्सी पर देर तक बैठे रहने से पीठ, हिप्स आदि शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
* जीवन-प्रत्याशा बढ़ाने के लिए
एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि सुखासन में बैठे लोग अगर बिना जमीन, दीवार या अन्य किसी चीज की सहायता लिए झट से खड़े हो जाते हैं तो ऐसे लोगों की उम्र काफी लंबी होती है। जमीन पर बैठकर खाने वाले लोग अक्सर इसी आसन में बैठते हैं। इस आसन से बिना मदद के झटके से खड़े हो जाना शरीर की शक्ति और फ्लेक्सिबिलिटी का संकेत होता है।
* रक्त संचार दुरुस्त रखे
कुर्सी पर बैठकर खाना खाने के मुकाबले जमीन पर बैठकर खाने वाले लोगों का रक्त संचार ज्यादा बेहतर स्थिति में होता है। इससे दिमाग और शरीर बेहद शांत रहता है।
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