पीतल-तांबे के बर्तन में खाएं खाना, अस्थमा समेत कई बीमारियों से मिलेगा छुटकारा
अच्छी सेहत के लिए खाने के पौष्टिक होने से ज्यादा जरूरी है कि आप किस तरह या किस धातु के बर्तन में खाना खाते हैं. भारत के ज्यादातर रसोई घरों में स्टील, एल्युमीनियम, स्टेनलेस स्टील, लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे पहले गांव देहात में लोग अक्सर लोहे या मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाते थे. लेकिन क्या आप जानते है कि पीतल और तांबे के बर्तन में खाना पकाने और खाने से सेहत को जबरदस्त लाभ मिलता है.
पीतल और तांबे के बर्तन में खाना पकाने और खाने के फायदे
1. ज्यादातर लोग स्टील के बर्तनों में खाना बनाते हैं जिसकी वजह से खाना जल्दी पक जाता है और ऊर्जा की बचत होती है. आपको बता दें कि स्टील के बर्तनों में खाना पकाने के बाद केवल 60 से 70 प्रतिशत ही पोषक तत्व बच पाते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि क्रोमियम या निकल से पॉलिश हुए स्टेनलेस स्टील बर्तनों को खरीदने से बचना चाहिए.
2. अगर आप खाना पकाने और खाने के लिए पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे भोजन के 90 फीसदी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं. बता दें कि पीतल के बर्तनों में एसिडिक या फिर साइट्रिक खाने को पकाने से बचाना चाहिए. वरना ये सेहत के लिए नुकसानदेय साबित होते हैं.
3. हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि तांबे के बर्तनों में खाना पकाने और खाने से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. यह अस्थमा के मरीजों के दिक्कतों को भी कम करता है. इसमें खाना खाने से शरीर में जिंक की मात्रा बढ़ती है और खून शुद्ध होता है. इसके साथ यह बॉडी में हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है.
4. पीतल और तांबे के बर्तन में खाना रखने से खाना देर तक गर्म रहता है. इससे कई तरह के इंफेक्शन का भी खतरा कम होता है. इसमें खाने खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है और यह आपके स्किन के लिए भी लाभदायक होता है.