अक्सर महसूस करते हैं तनाव? ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं,
ऑफिस के काम के दबाव
ऑफिस के काम के दबाव, सामाजिक-पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण चिंतित-तनाव महसूस करना स्वाभाविक है, पर क्या आप अक्सर ही ऐसा अनुभव करते रहते हैं? हर छोटी-छोटी बात को लेकर तनाव में आ जाने, अक्सर एंग्जाइटी महसूस करते रहने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। तनाव-चिंता की इस समस्या को अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो इसके कारण डिप्रेशन का जोखिम भी बढ़ जाता है। डिप्रेशन, मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्याओं में से एक है। ऐसे में अगर आप भी अक्सर एंग्जाइटी महसूस करते रहते हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, चिंता कई चीजों के कारण हो सकती है, ऐसे में जरूरी है कि उस समस्या को पहचानें और उसे ठीक करने का प्रयास करें। कुछ लोगों में आनुवंशिक रूप से भी चिंता बढ़ने का खतरा हो सकता है, ऐसे लोगों को अपने जोखिम कारकों को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। एंग्जाइटी को ट्रिगर करने वाले कारणों को पहचाने और उनसे दूर रहने का प्रयास करें, फिर भी लाभ नहीं मिल रहा है तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक की सहायता जरूर ले लें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि हमारे दैनिक जीवन की कई आदतें एंग्जाइटी को बढ़ावा देने वाली हो सकती हैं, इनसे भी बचाव करते रहना आवश्यक हो जाता है। आइए जानते हैं चिंता को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की रात की नींद पूरी नहीं हो पाती है, उनमें अन्य लोगों की तुलना में एंग्जाइटी की समस्या का खतरा अधिक होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लेने की सलाह दी जाती है। नींद की स्थिति में आपके शरीर और मस्तिष्क को आराम करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे आप चिंता विकारों को दूर कर सकते हैं। एंग्जाइटी की समस्या से बचे रहने के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है।
अक्सर हम सभी को लगता है कि कॉफी-चाय का सेवन तनाव को कम कर देता है, पर अध्ययनों में इसे नुकसानदायक और समस्याकारक माना गया है। कॉफी-चाय की एक कप आपको कुछ समय के लिए रिफ्रेश महसूस करा सकती है, पर इसकी अधिकता समस्याओं को बढ़ाने वाली मानी जाती है। बहुत अधिक कैफीन का सेवन करने से चिड़चिड़ापन और मिचली की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों में इसे चिंता को ट्रिगर करने वाला भी माना जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने वाले लोगों में चिंता और तनाव विकारों का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक हो सकता है। सोशल मीडिया पर कई बार आपके सामने ऐसे पोस्ट आ जाते हैं जो आपको बहुत अधिक चिंतित महसूस करा सकते हैं। इसलिए यदि आप एंग्जाइटी महसूस कर रहे हैं तो सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। ऐसा करके आप अपने जोखिम कारकों को कम कर सकते हैं।
सेंडेटरी लाइफस्टाइल यानी कि गतिहीन जीवनशैली, शारीरिक और मानसिक कई तरह से आपके लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है। शरीर का बिल्कुल निष्क्रिय रहना आपकी समस्याओं को ट्रिगर करने वाला हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि शारीरिक व्यायाम करने से चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए यदि आप एंग्जाइटी महसूस करते रहते हैं तो नियमित रूप से किसी न किसी प्रकार के शारीरिक व्यायाम की आदत बनाएं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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