आंखों से जुड़ी कई समस्याएं के लिए करें महज ये अभ्यासो से होगी दूर
अपनी दृष्टि में सुधार लाने के लिए कई लोग चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं। चश्मे से दृष्टि-दोष दूर नहीं होता है।
यहां दिए गए सरल अभ्यास आंखों की पेशियों के अनेक प्रकार की गड़बड़ियों जैसे दूर दृष्टि दोष, निकट दृष्टि दोष और भेंगापन को दूर करने में सहायक होंगे।
1. आंखों पर हथेलियां रखना
- शांत बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
- हथेलियों को आपस में कसकर रगड़ें और जब वे गर्म हो जाएं तो उन्हें धीरे-धीरे बंद आंखों की पलकों पर रखें। पलकों पर अनावश्यक दबाव न डालें।
जब तक हथेलियों की गर्मी आंखों द्वारा अवशोषित न हो जाए तब तक हथेलियों को आंखों पर ही रखें।
फायदे
गर्म हथेलियों से पलकों को ढकना आंखों की पेशियों को शांत और पुनर्जीवन प्रदान करता है। यह कॉर्निया और लेंस के बीच प्रवाहित जलीय द्रव का संचरण बढ़ाता है। इससे दृष्टि दोष में सुधार होता है।
2. पलकों को झपकाना
- आंखों को खुला रखते हुए बैठ जाएं
-पलकों को जल्दी-जल्दी 10 बार झपकाएं।
- आंखों को बंद कर 20 सेकंड तक विश्राम करें।
- फिर जल्दी-जल्दी 10 बार पलके झपकाएं।
- ऐसा 5 बार करें।
फायदे
दृष्टि-दोष से पीड़ित कई लोग अनियमित और अस्वाभाविक ढंग से पलकें झपकाते रहते हैं। इसका संबंध आंखों में आदतन तनाव की स्थिति से है। यह अभ्यास आंखों के स्नायुओं को विश्रान्ति प्रदान कर पलके झपकने की सहज क्रिया को स्वाभाविक रूप में लाने में सहायक होता है।
आंखों से जुड़ी प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए योग करती युवती
अपनी दृष्टि में सुधार लाने के लिए कई लोग चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं। चश्मे से दृष्टि-दोष दूर नहीं होता है। वास्तव में चश्मा लगाने से आंखों की समस्याएं अक्सर बढ़ ही जाती हैं और बराबर लेंस की शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता आ पड़ती है। ग्लुकोमा, ट्रैकोमा और मोतियाबिंद जैसे रोगों को छोड़कर सबसे ज्यादा आंखों से जुड़ी समस्याओं का संबंध आंखों की पेशियों की डैमेजिंग से होता है। यह स्थिति लंबे समय तक मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण और बिगड़ जाती है।
यहां दिए गए सरल अभ्यास आंखों की पेशियों के अनेक प्रकार की गड़बड़ियों जैसे दूर दृष्टि दोष, निकट दृष्टि दोष और भेंगापन को दूर करने में सहायक होंगे।
1. आंखों पर हथेलियां रखना
- शांत बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
- हथेलियों को आपस में कसकर रगड़ें और जब वे गर्म हो जाएं तो उन्हें धीरे-धीरे बंद आंखों की पलकों पर रखें। पलकों पर अनावश्यक दबाव न डालें।
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- जब तक हथेलियों की गर्मी आंखों द्वारा अवशोषित न हो जाए तब तक हथेलियों को आंखों पर ही रखें।
फायदे
गर्म हथेलियों से पलकों को ढकना आंखों की पेशियों को शांत और पुनर्जीवन प्रदान करता है। यह कॉर्निया और लेंस के बीच प्रवाहित जलीय द्रव का संचरण बढ़ाता है। इससे दृष्टि दोष में सुधार होता है।
2. पलकों को झपकाना
- आंखों को खुला रखते हुए बैठ जाएं
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- पलकों को जल्दी-जल्दी 10 बार झपकाएं।
- आंखों को बंद कर 20 सेकंड तक विश्राम करें।
- फिर जल्दी-जल्दी 10 बार पलके झपकाएं।
- ऐसा 5 बार करें।
फायदे
दृष्टि-दोष से पीड़ित कई लोग अनियमित और अस्वाभाविक ढंग से पलकें झपकाते रहते हैं। इसका संबंध आंखों में आदतन तनाव की स्थिति से है। यह अभ्यास आंखों के स्नायुओं को विश्रान्ति प्रदान कर पलके झपकने की सहज क्रिया को स्वाभाविक रूप में लाने में सहायक होता है।
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3. दाएं-बाएं देखना
- पैरों को सामने सीधे फैलाकर बैठ जाएं।
- हाथों को कंधों की ऊंचाई पर दोनों ओर सीधे फैला दें।
- अंगूठे ऊपर की ओर रहें।
- जब सिर सीधा सामने की ओर हो, तब अंगूठों को आंखों के सीध में रखें।
- सिर हिलना नहीं चाहिए।
- आंखों की सीध में किसी निश्चित बिंदु को सीधे देखें। सिर को इसी स्थिति में रखें।
- फिर सिर को घुमाए बिना ही आंखों को पहले बाएं हाथ के अंगूठे पर ले जाएं, फिर भौहों के बीच के स्थान पर, फिर दाएं हाथ के अंगूठे पर।
सिर और मेरूदण्ड को सीधा रखते हुए इस च्रक को 10 से 20 बार दोहराएं।
फायदे
लगातार पढ़ने-लिखने से आंखों के स्नायुओं में उत्पन्न तनाव से इस अभ्यास द्वारा छुटकारा मिलता है। यह भेंगापन भी नहीं होने देता और उसमें सुधार लाता है।