बच्चों में दिखने वाले इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज, आपसे चाहता हैं वह अटेंशन
आपसे चाहता हैं वह अटेंशन
अक्सर देखने को मिलता हैं कि बच्चों का स्वभाव अचानक बदल जाता हैं और पेरेंट्स यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि उनके बच्चे को हुआ क्या हैं। बढ़ती उम्र के साथ बच्चों के बिहेवियर में बदलाव होना काफी आम होता है। लेकिन यह ज्यादातर तब देखने को मिलता हैं जब बच्चे अपने पेरेंट्स से अटेंशन पाना चाहते हैं। आजकल की व्यस्त दिनचर्या में माता-पिता के पास इतना समय नहीं होता कि वो बच्चों के साथ समय बिता सकें। एक बच्चे के लिए सबसे पहले दोस्त उसके माता-पिता ही होते हैं। ऐसे में बच्चों को अपने पैरेंट्स और आसपास के लोगों की अटेंशन चाहिए होती है और इसमें कोई प्रॉब्लम भी नहीं है। आज इस कड़ी में हम आपको बच्चों में दिखने वाले कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि वह आपसे अटेंशन पाना चाहते हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज ना करते हुए बच्चों को समय देने की जरूरत हैं। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...
परेशान दिखना
बच्चों का टेंशन में रहना भी पैरेंट्स की अटेंशन पाने का संकेत होता है। ऐसे में बच्चों का खेलने में भी मन नहीं लगता है। वहीं, बच्चे दोस्तों के साथ बाहर जाना भी अवॉयड कर देते हैं। इन बदलावों को नोटिस करके आप बच्चों की स्पेशल केयर कर सकते हैं।
ओवररिएक्ट करना
अगर आप बच्चे पर ध्यान नहीं देंगे, तो आपका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए वो हर संभव प्रयास करेगा। आपका ध्यान खींचने के लिए बच्चे कई बार ओवररिएक्ट करने लगते हैं। ज्यादा रोना या तेज चिल्ला देना या नाटकीय ढंग से चीजों को करना इस बात का संकेत है कि आप बच्चे को अटेंशन नहीं दे रहे हैं।
बीमारी का झूठा बहाना
पैरेंट्स को ऑफिस जाने से रोकने और अपने साथ समय बिताने के लिए, अक्सर बच्चे झूठी बीमारी का बहाना बनाते हैं। जब भी आप बाहर जाते हैं, ऐसे बच्चे सिर या पेट दर्द का बहाना बनाकर रोना शुरू कर देते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा कुछ कर रहा है, तो आपको उसके बहानों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
करीब आने की कोशिश
यदि आपका बच्चा आपके पास ज्यादा समय बिताने की कोशिश कर रहा है या फिर हर समय आपका ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहता है। तो यह इस बात का संकेत है कि बच्चे को आपकी जरूरत है।
अपने भाई-बहन से लड़ना
बच्चे अपने पेरेंट्स से अटेंशन लेने के लिए अक्सर अपने भाई-बहनों से लड़ना शुरू कर देते हैं। ऐसे में खिलौने पर जिद्द करना, उनके खिलौने से खेलना बार-बार दूसरे बच्चों को परेशान करना। बार-बार पेरेंट्स के रोकने पर भी बच्चे वही शरारतें करने लगते हैं, ताकि उनके पेरेंट्स आकर उन से बात करें।
दूसरे बच्चों से जलना
पैरेंट्स का प्यार ना मिलने पर बच्चा घर के दूसरे बच्चों से ईर्ष्या करने लगता है। ऐसे में बच्चे को अपने ही भाई या बहन से जलन होने लगती है। वहीं, बच्चे को स्पेशल ट्रीटमेंट देकर आप उसकी इस परेशानी को दूर कर सकते हैं।
हर बात के लिए इजाजत लेना
कुछ बच्चे शांत स्वभाव के होते हैं और वे अपने पेरेंट्स की का ध्यान खींचने के लिए उन्हें बार-बार टोकने की कोशिश करते हैं। बच्चे कुछ भी काम करते या खेलते समय बार-बार अपने माता-पिता से इजाजत लेते हैं और उनसे सवाल पूछते हैं।