गर्भावस्था के समय सीने में दर्द को ना करेें नजरअंदाज, हो सकती है परेशानी
गर्भावस्था के दौरान महिला को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में कुछ महिलाओं को सीने में दर्द की भी शिकायत होती है
गर्भावस्था के दौरान महिला को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में कुछ महिलाओं को सीने में दर्द की भी शिकायत होती है, जिसे वो प्रेगनेंसी की सामान्य समस्या मानकर टाल देती हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. सीने में दर्द कई बार तनाव और हृदय रोग की वजह से भी हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज किए बगैर विशेषज्ञ से परामर्श करें. जानिए वजह.
प्री-एक्लेम्पसिया : प्री-एक्लेम्पसिया उच्च रक्तचाप विकार है, जो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद हो सकता है. इस दौरान यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. इसकी वजह से महिला का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने लगता है. कई बार इसकी वजह से सीने में दर्द की समस्या हो सकती है. प्री-एक्लेम्पसिया की स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है.
हार्ट डिजीजः हृदय संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों की वजह से भी प्रेगनेंसी में सीने में दर्द की परेशानी हो सकती है.
पल्मोनरी एम्बोलिज्म : कभी-कभी प्रेगनेंसी के दौरान फेफड़ों में मौजूद एक या अधिक धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है. इस स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है. इसकी वजह फेफड़ों की बाहरी नसों में ब्लड क्लॉट को माना जाता है. ये स्थिति भी खतरनाक हो सकती है.
तनाव और चिंता : प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई बार अत्यधिक तनाव और चिंता भी हो जाती है. इस बीच वे बच्चे की परवरिश से लेकर आर्थिक समस्याओं तक की बात सोच लेती हैं. ज्यादा तनाव और चिंता की वजह से भी महिला को सीने में दर्द या बेचैनी की शिकायत हो सकती है.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
कई बार महिलाएं लक्षणों को समझ नहीं पातीं और इसे इग्नोर कर देती हैं, लेकिन प्रेगनेंसी में इस तरह की किसी समस्या के प्रति लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है. इसलिए अगर सीने में भारीपन, असहजता, जकड़न, दबाव या सीने का दर्द बांह और पीठ तक जाता हुआ महसूस हो तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें और फौरन विशेषज्ञ से संपर्क करें.