Life Style : दर्द की वजह बन सकता है पैरों में कम होता ब्लड फ्लो

Update: 2024-06-28 05:14 GMT
Life Style :  पैरों में ब्लड फ्लो घटने से पैरों में दर्द शुरू हो जाता है, जिससे चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति को पेरीफेरल आर्टरी डिजीज कहते हैं। किन्हीं कारणों से पैरों की ब्लड वेसल संकरी हो जाने के कारण पैरों तक ब्लड फ्लो घट जाता है। इस आर्टरी की दीवारों पर फैट जमने के कारण संकरी और कठोर हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप पैरों की मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन 
blood and oxygen
 नहीं मिल पाता है। इससे चलने, फिरने, दौड़ने या एक्सरसाइज करने में दर्द शुरू हो जाता है। ब्लड फ्लो धीमा होने से घाव भी देर से भरता है और संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में पैरों में ब्लड फ्लो बढ़ाने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं।
पैरों की मसाज करें। प्रभावित हिस्से में किसी एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट Expert Physiotherapistसे मसाज करवाने से ब्लड फ्लो बढ़ता है।
स्मोकिंग बंद करें। ये आर्टरी को संकरा करते हैं, जिससे पैरों का ब्लड फ्लो घटता है और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। स्मोकिंग क्लॉट बनाने में भी भागीदार होता है।
अपना ब्लड प्रेशर समय-समय पर चेक करते रहें।
ज्यादा वजन है तो वजन नियंत्रित करें, जिससे पैरों की ब्लड वेसल पर अधिक दबाव न पड़े।
लो कोलेस्ट्रॉल डाइट लें। ज्यादा कोलेस्ट्रॉल लेने से आर्टरी की दीवारों पर फैट जमने लगता है। इसलिए लो कोलेस्ट्रॉल डाइट लें।
वॉक और रेस्ट एक के बाद एक करते रहें। लगातार लंबे समय तक न चलें। समय के साथ नई-नई ब्लड वेसल बनती रहती हैं, इसलिए अपने डॉक्टर के निर्देश पर ही एक्सरसाइज करें।
योग करें। योग के अलग-अलग पोश्चर के दौरान शरीर अच्छे से बेंड, स्ट्रेच और ट्विस्ट Stretches and twists होता है, जो कि ब्लड वेसल पर सही मात्रा में दबाव बना कर ब्लड फ्लो संचालित करता है।
एक बहुत ही पावरफुल और रिस्टोरेटिव पोज ये है कि किसी दीवार पर अपने पैरों को टिका कर 90 डिग्री का कोण बना कर लेट जाएं। इस तरह पैरों में ब्लड फ्लो बढ़ने के साथ नींद भी अच्छी आती है, तनाव से मुक्ति मिलती है, सिरदर्द में आराम मिलता है और पाचन में भी सुधार होता है।
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