जन्माष्टमी के अगले दिन ही मनाया जाता हैं दही हांडी उत्सव, मुंबई की इन लोकप्रिय जगहों पर देख सकते हैं इसका नजारा

देख सकते हैं इसका नजारा

Update: 2023-09-08 08:48 GMT
जन्माष्टमी आते ही देशभर में धूम मचने लगती है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी जिसकी रौनक और उत्साह बाजारों में अभी से देखी जा सकती हैं। लेकिन इसी के साथ ही दही हांडी उत्सव का भी अपना अलग ही रोमांच देखने को मिलता हैं जो कि जन्माष्टमी के अगले ही दिन 7 सितंबर 2023 को मनाया जाना हैं। दही हांडी उत्सव मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में होता है, लेकिन अब देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी इसका आयोजन किया जाता है। महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव को गोपालकाला के नाम से भी जानते हैं। अगर आप भी इस खास दिन घूमने-फिरने की ख्वाइश रख रहे हैं, तो इस बार मुंबई की दही हांडी का मजा लें।
क्यों मनाया जाता है दही हांडी उत्सव
दही हांडी महोत्सव का संबंध श्रीकृष्ण की नटखट लीलाओं से है। भगवान कृष्ण को अपने बालकाल में दही और मक्खन अत्यन्त प्रिय थे। इसके लिए वह अपने दोस्तों के साथ पड़ोस के घरों में चोरी चुपके माखन चुराते और अपने मित्रों को भी खिलाते थे। यही वजह है कि कान्हा माखन-चोर के नाम से प्रसिद्ध हुए। बाल गोपाल की इस हरकत से परेशान होकर गोपियों ने दही-माखन से भरे पात्र को ऊंचे स्थान पर लटकाना शुरू कर दिया। श्रीकृष्ण ने गोपियों को यहां भी विफल कर दिया। उन्होंने माखन पाने के लिए अपने सखाओं के साथ मानव पर्वत बनाने की योजना बनाई। भगवान कृष्ण की दही चुराने की यह बाल लीला अब भारतीय लोक कथा का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। यही वजह है कि हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी महोत्सव मनाया जाता है।
कैसे मनाते हैं दही हांडी उत्सव
दही हांडी उत्सव के रूप में कान्हा की आराधना की जाती है। हाण्डी मिट्टी से बने एक गोल पात्र को कहते हैं। महोत्सव के लिए इस हांडी में दही और माखन भरा जाता है और फिर इसे ऊंचे स्थान पर लटका देते हैं। कुछ लड़के-लड़कियों का समूह गोपाला बनकर इस खेल में भाग लेते हैं। ये गोविंदा एक पिरामिड बनाकर मटकी को फोड़ते हैं। इसे एक प्रतियोगिता के तौर पर भी आयोजित किया जाता है। जीतने वाले को इनाम मिलता है। हम आपको यहां कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां दही हांडी बहुत ही जोरों-शोरों से मनाई जाती है।
ठाणे
ठाणे के संघर्ष प्रतिष्ठान दही हांडी को मुंबई की सबसे अमीर दही हांडी मंडलों में से एक माना जाता है। प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए यहां दही हांडी फोड़ने वाली टीम को बड़ी राशि भी दी जाती है। साल 2013 में 1.11 करोड़ रुपए पुरस्कार राशि दिया गया था। वहीं 2014 में 51 लाख रुपए की राशि दी गई थी।
वर्ली
एनसीपी नेता सचिन अहीर ने श्री संकल्प प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की जो वर्ली महोत्सव और दही हांडी कार्यक्रमों का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ करता है। साउथ मुंबई की दही हांडी सबसे ऊंची होती है। इसके अलावा दही हांडी की मौके पर जंबोरी मैदान में टीम का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए यहां कई बॉलीवुड हस्तियां भी आती हैं।
खारघर
श्रमिक सार्वजनिक उत्सव मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम मुंबई में लोकप्रिय दही हांडी कार्यक्रमों में से एक है, जिसे एक टीम के लिए तोड़ पाना काफी मुश्किल होता है। कितना बार ऐसा हुआ है कि कई पंडाल बिना हांडी तोड़े खाली हाथ लौट जाते हैं। यहां ये कार्यक्रम सुबह से लेकर रात तक चलता है।
घाटकोपर
घाटकोपर की दही हांडी बहुत फेमस है। यहां बॉलीवुड हस्तियां हमेशा आती है। ये जगह भी पर्यटकों और मुंबई वासियों को काफी आकर्षित करती है। पहले कई बार शाहरुख खान, आशा पारेख, अमीषा पटेल और युक्ता मूकी जैसे सिलेब्रिटी शिरकत कर चुके हैं।
वडाला
वडाला में दही हांडी का कार्यक्रम कांग्रेस विधायक कालिदास कोलंबकर द्वारा आयोजित किया जाता है। ये युवाओं को प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा तरीका है। वडाला की दही हांडी में बहुत प्रसिद्ध है। यहां भी मटकी फोड़ने वाली टीम को अच्छी खासी धन राशि रखी जाती है।
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