चाणक्य नीति: आपकी इन आदतों का शत्रु उठाता है जबरदस्त लाभ, जल्दी बदलें

चाणक्य नीति कहती है हर सफल व्यक्ति के शत्रु होते हैं

Update: 2021-11-16 15:47 GMT
Chanakya Niti For Motivation in Hindi : चाणक्य नीति कहती है हर सफल व्यक्ति के शत्रु होते हैं. ये शत्रु दो तरह के हो सकते हैं. एक वे शत्रु जिन्हें आप जानते हैं, दूसरे शत्रु अज्ञात होते हैं. अज्ञात शत्रु का पता लगाना मुश्किल होता है. शत्रु कैसा भी हो उसका एक मात्र मकसद हानि पहुंचाना ही होता है. इसलिए शत्रु के मामले में कभी भी लापरवाही नही बरतनी चाहिए. चाणक्य ने शत्रु को पराजित करने की नीति भी बताई है. इसे जानना बहुत ही जरूरी है.
अहंकार- चाणक्य नीति कहती है कि अहंकार एक ऐसा अवगुण है, जो प्रतिभाशाली व्यक्ति को भी तबाह कर देता है. अहंकार व्यक्ति के शत्रुओं की संख्या में वृद्धि करता है. जीवन में उसी को सबसे अधिक सफलता मिलती है, जिसके शत्रुओं की संख्या सबसे कम होती है. इसलिए अहंकार को दूर करने का प्रयास करना चाहिए.
धन का दिखावा- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को धन का दिखावा नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही व्यक्ति को अपने पद और प्रतिष्ठा का भी दिखावा नहीं करना चाहिए, इससे भी शत्रुओं की संख्या बढ़ती है. शत्रु इसका फायदा कभी-कभी आपको हानि पहुंचाने के लिए भी करता है, इसलिए दिखावे से दूर रहना चाहिए.
किसी का अपमान न करें- चाणक्य नीति कहती है कि कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए. अपमान करने से शत्रु को बल मिलता है, इससे शत्रुओं की संख्या में भी वृद्धि होती है. शत्रु इस आदत का सबसे अधिक लाभ उठाता है.
गलत संगत- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को गलत संगत और गलत आदतों से बचना चाहिए. जो इन दोनों चीजों से बचा रहता है, उसका शत्रु कभी नुकसान नहीं कर पाता है. गलत आदतें शत्रु को हमला करने के लिए आकर्षित करती हैं.
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