चाणक्य नीति: बुद्धिमान व्यक्ति में होते हैं ये पांच गुण
आचार्य चाणक्य राजनीति और कूटनीति की बहुत ही अच्छी समझ रखते थे।
आचार्य चाणक्य राजनीति और कूटनीति की बहुत ही अच्छी समझ रखते थे। इसके अलावा उन्हें कई अन्य विषयों की भी बहुत अच्छी जानकारी थी। आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ थे, इसलिए उन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है। इनके द्वारा कई शास्त्र लिखे गए जिनमें से नीतिशास्त्र की बातें लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय हैं। चाणक्य की शिक्षाएं व्यक्ति को सफल होने के लिए प्रेरित करती हैं। यदि कोई व्यक्ति चाणक्य की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतार लें तो सुखी और सफल जीवन व्यतीत कर सकता है। चाणक्य ने व्यक्ति के अंदर ऐसे पांच गुणों के बारे में बताया है। ये गुण जिसके अंदर होते हैं वह व्यक्ति सदा बुद्धिमान कहलाता है, इसलिए इन पांच गुणों को अपने अंदर समाहित कर लेना चाहिए।
संकट आने पर विचलित न होने वाला
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति संकट आने पर विचलित नहीं होता है और अपनी शक्ति एवं क्षमताओं का वास्तविक का ज्ञान आकलन करके धर्म के मार्ग पर चलते हुए हर परिस्थिति का सामना करके उससे बाहर निकल जाता है, ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान कहलाता है।
विवादों से दूर रहने वाला
चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अच्छे कर्मों को अपनाकर, बुरे कर्मों से दूर रहता है और बिना बात के विवादों से बचकर रहना जानता है एवं अपनी बुद्धि का सही उपयोग करके सफल होने की क्षमता रखता है, ऐसे व्यक्ति को बुद्धिमान कहा जा सकता है।
कार्य से संबंधित योजनाओं को गुप्त रखने वाला
चाणक्य कहते हैं कि वह व्यक्ति समझदार कहलाता है जो अपने कार्य से संबंधित योजनाओं को गुप्त रखता है और कार्य पूर्ण होने के बाद ही दूसरों को इस बारे में बताता है।
हर बाधा को पर करके आगे बढ़ने की क्षमता
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा आने पर भी नहीं घबराता है और बिना निराश हुए अपनी बुद्धि का प्रयोग करके उस बाधा को पार कर लेता है एवं लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है, ऐसे व्यक्ति को बुद्धिमान कहा जा सकता है।
धर्म के मार्ग पर चलने वाला
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलता है उसके बुद्धि निर्णय लेने की क्षमता धर्म से प्रेरित रहती है। इसी गुण के कारण व्यक्ति भोग विलास से अपने आप को दूर रख पाता है और पुरूषार्थ को चुनता है, वह व्यक्ति बुद्धिमान कहलाता है।