सावधान!! ये लोग भूलकर भी ना करें शहतूत का सेवन, हो सकता है भारी नुकसान
सावधान!! ये लोग भूलकर भी ना करें शहतूत का सेवन
शहतूत एक सुपरफूड है, जो हाई एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स, पानी और कई खनिज पदार्थों से भरपूर होता है। कुछ लोग शहतूत से बने सप्लीमेंट्स जैसे जैम या जूस लेना भी पसंद करते हैं। मगर, शहतूत के फायदे ही नहीं बल्कि कुछ नुकसान भी होते हैं। जी हां, शहतूत का अधिक मात्रा में सेवन कुछ हानिकारक प्रभाव डाल सकता है, जिससे हर किसी को सावधान रहना जरूरी है।
हाइपोग्लाइसीमिया
शहतूत के पत्तों का अर्क कार्बोहाइड्रेट पाचने में देरी में मदद कर सकता है, जिससे इससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक गिरावट आ सकती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही मधुमेह की दवा ले रहे हैं। वहीं, शहतूत की चाय 90 मिनट बाद रक्त शर्करा को कम कर देती है।
भूख में कमी और सिरदर्द
शहतूत का अधिक मात्रा में सेवन करने से भूख में कमी, सिरदर्द, धुंधलापन, अत्यधिक पसीना, चक्कर आना, भ्रम और कंपकंपी जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं इसलिए सावधानी से इसका सेवन करें।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल
शहतूत अपच, मतली दस्त और सूजन का कारण बन सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, डिस्लिपिडेमिया के इलाज के लिए शहतूत की पत्ती की गोली लेने वाले रोगियों को हल्के दस्त (26%), चक्कर आना (8.7%), या कब्ज और सूजन (4.3%) का अनुभव हुआ।
त्वचा में जलन
शहतूत के पत्तों में लेटेक्स (दूधिया सफेद रस) होता है जो त्वचा में हल्की जलन पैदा कर सकता है। साथ ही इसे निगलना उचित नहीं है क्योंकि इससे पेट खराब, सूजन और दस्त हो सकते हैं।
कार्बोहाइड्रेट अवशोषण में बाधा
शहतूत खाने से कार्बोहाइड्रेट अवशोषण में बाधा आती है, जिससे वजन नियंत्रण और मधुमेह के उपचार में मुश्किल हो सकती है। साथ ही इससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट का स्तर भी बिगड़ सकता है, जिससे आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
किडनी के लिए हानिकारक
शहतूत के पत्ते यूरिक एसिड के स्तर को कम करके गठिया के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप पहले से ही यूरिक एसिड कम करने वाली दवा ले रहे हैं तो इसे लेने से बचें।
अधिक होता है पोटेशियम
शहतूत में पोटेशियम भी अधिक होता है, जो डिहाइड्रेशन, थकान, सुन्नता, मतली, सीने में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन बढ़ना जैसी समस्याएं दे सकती है।
ये लोग भी ना करें सेवन
जिन लोगों को क्रोनिक किडनी या अन्य चयापचय संबंधी विकार है उन्हें भी शहतूत का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। हो सके तो ये लोग शहतूत का सेवन ना ही करें।